जनजातीय जिले में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बढ़ावा मिले। प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अंग्रेजी माध्यम का 10वीं तक का स्कूल खुले। पाठ्य सामग्री में बाजार की लूट पर अंकुश लगे। पुस्तकों के दामों पर सरकार का नियंत्रण हो। सरकारी स्तर पर दी जाने वाली नि:शुल्क पुस्तकें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए। जिले के सभी स्कूलों में खेल मैदानों का विकास होने के साथ खेल संसाधन उपलब्ध हो। मुझे उम्मीद है कि ये सब बातें प्रदेश के बजट में देखने के मिलेगी।
निलेश सेठ, समाजसेवी, बांसवाड़ा।
नए बजट में प्रत्येक तहसील हैड क्वार्टर पर एसवीओ की पोस्ट सृजित हो। नियमित तौर पर डीपीसी की जाए। सहायक कर्मियों की नियुक्ति हो। सेफ्टी के लिए बीमा की सुविधा हो। पद स्थापन के साथ कर्मचारियों की नई भर्तियां हों, ताकि रिक्त पद भर सके। पशु चिकित्सा विभाग में डब्ल्यूपीए मिले। मेडिकल के समान वेतन हो, ऐसी कई मांगें हैं जो बजट में शामिल होने की उम्मीद है।
सोनल मेहरावल, पशु चिकित्सा अधिकारी, बांसवाड़ा।
जिले में लंबित रेलवे परियोजना को पूरा किया जाना चाहिए। बजट में इस पर कोई प्रावधान या धन की व्यवस्था की जाए। औद्योगिक क्षेत्र को इससे बढ़ावा मिलेगा। व्यापारियों को भी राहत मिले। ट्रांसपोर्ट की सुविधा हो।
विष्णु वर्मा, मार्बल व्यापारी।
इस प्रकार की कर प्रणाली रहे जिससे गृहिणी का बजट नहीं बिगड़े। रसोई व दैनिक आम आवश्यकताओं की खाद्य एवं अन्य उपयोगी चीजों के दाम सस्ते हों। पूजा सामग्री, महिला सांैदर्य प्रसाधन भी सस्ते हों। महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर योजना बने। विशेषकर देहाती अंचल की महिलाओं युवतियों को सेनेटरी पेड वितरण की योजना बने।
हेमा वर्मा, महिला।
बेरोजगारी दूर करने के कदम समाहित किए जाने चाहिए। जनजातीय क्षेत्र में बालिकाओं की उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कदम उठाए जाएंगे। रे ल परियोजना फिर से शुरू कराने के कदम उठाए जाएंगे। सभी बेरोजगारों को समान अवसर मिले, इसके लिए प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था को लेकर भी सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद है।
माधुरी चौहान, छात्रा।