मीणा ने माही की नहरों के 70 प्रतिशत सफाई के दावों को असत्य बताते हुए इसकी जांच की बात रखी। साथ ही स्वीकृति जारी करवाकर मनरेगा के तहत नहरों की सफाई करवाने कहा। उन्होंने बताया कि माही के पानी से वंचित कुशलगढ़, दानपुर, पीपलखूंट एवं गांगड़तलाई क्षेत्र के लिए डीपीआर बनाकर सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है एवं लिफ्ट योजना से जनजाति कृषकोंं को माही का पानी दिया जाना प्रस्तावित भी है। उन्होंने इसके लिए बजट का प्रावधान कर तत्काल कार्य करवाने, गढ़ी विधानसभा क्षेत्र में पुराने तालाबों की क्षतिग्रस्त नहरों को चिन्हित कर नए निर्माण, सिंचाई विभाग की लिफ्टों के विस्तार, नदी-नालों पर एनीकट निर्माण एवं कनाडा बेकवाटर नदियों पर लिफ्ट की व्यवस्था कर किसानों को पानी उपलब्ध करवाने की जरूरत बताई। मीणा ने ओडवा, लालपुरा, घाणेवा, वड़लीपाड़ा, मेणाखोता, गोविन्दपुरा, कोणा, कुवाडिय़ा, पनासी, रोहाल, ऊलाई, भंवरकड़ा, हड़मतिया, रंधावा, पानीवाला गड़ा आदिमें एनीकट निर्माण कर लघु सिंचाई कार्य शुरू करवाने एवं जिले के किसानों को माही का पानी उपलब्ध करवाने की मांग की।