scriptराजस्थान का रण : वो वोट ले जाते हैं, हमें किनारे पर छोड़ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद गांव में कभी नहीं आते है | People has to cross the river for voting in banswara | Patrika News
बांसवाड़ा

राजस्थान का रण : वो वोट ले जाते हैं, हमें किनारे पर छोड़ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद गांव में कभी नहीं आते है

www.patrika.com/banswara-news

बांसवाड़ाDec 06, 2018 / 04:55 pm

Varun Bhatt

banswara

राजस्थान का रण : वो वोट ले जाते हैं, हमें किनारे पर छोड़ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद गांव में कभी नहीं आते है

वरुण भट्ट/ दिनेश तंबोली. बांसवाड़ा. जिले की बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की दनाक्षरी पंचायत। माही की अथाह जल राशि में नाव के जरिये आवाजाही करते नदी पार के ग्रामीण। ये एक दिन की बात नहीं है, बल्कि ये इनके रोजमर्रा की जिन्दगी का हिस्सा है। पढ़ाई के लिए स्कूल का सफर हो या कस्बे तक पहुंचना हो, यहां नदी पार के कई ग्रामीण पहले नाव से दनाक्षरी पहुंचते है, फिर अपना सफर आगे बढ़ाते हैं। अब जब चुनावी मौसम है तो मतदान के लिए भी ग्रामीणों को नाव से मतदान केंद्र तक पहुंचना पड़ेगा। खासकर ठीकरिया कोटड़ा, अंदरुजी का पारड़ा सहित कुछ अन्य गांवों के लोग मतदान के लिए दनाक्षरी मतदान केंद्र आएंगे। ग्रामीणों को इस बात मलाल है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता आते हैं, वोट ले जाते है और हमे फिर रोजमर्रा की जिन्दगी की जंग के लिए नदी किनारे छोड़ जाते हैं।
बांसवाड़ा : लोकतंत्र के उत्सव में बिखरेंगे संस्कृति के रंग, आदर्श मतदान केन्द्रों पर गोटियो करेगा स्वागत

कहते हैं ग्रामीण…
ग्रामीणों में सेवालाल के मुताबिक चुनाव में मतदान के दिन तो कुछ लोग इस समस्या से परेशान होंगे, लेकिन आमदिनों में आसपास के कई गांवों के लोगों को नदी पार कर आना पड़ता है। नाव से करीब आधा घंटा लगता है। सुरक्षा की व्यवस्था भी नही है। ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव में पुल बनाने सहित अन्य इंतजाम के वादे कई बार किए, लेकिन चुनाव के बाद कोई याद ही नहीं करता हैं। वि_ल भाई बताते हंै कि नेता वोट ले जाते हंै और वादे पूरे नहीं करते हंै। नाव संचालक रमेश चंद्र डामोर ने लंबे समय से नाव चलाने की बात बताते हुए कहा कि माही डेम बनने के साथ ही क्षेत्र में यह समस्या है। जनप्रतिनिधि भी इसके स्थायी समाधान का काम नहीं कर रहे हंै।
Video : पत्रिका जन एजेंडा : कुशलगढ़ की बस यही आस थमे पलायन, बढ़े शिक्षा-चिकित्सा, बुझे खेतों की प्यास

इनका कहना है
पंचायत क्षेत्र के करीब 700 से अधिक मतदाताओं को नाव से नदी पार कर वोट डालने आना पड़ेगा। यह हर बार की समस्या है। हमने इस बार भी इस समस्या से प्रशासन को अवगत कराया था। समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। रामचंद्र निनामा, सरपंच दनाक्षरी
फै क्ट फाइल
तीन पोलिंग बूथ- दनाक्षरी, पाटी नगरा, नागाथली
कुल वोटर- करीब 3200
नाव से दनाक्षरी बूथ आवाजाही- ठीकरिया, अंदरुजी का पारड़ा सहित अन्य गांवों के करीब 700 मतदाता
नदी का सफर- करीब डेढ़ किलोमीटर
नाव का किराया- प्रति सवारी पांच से दस रुपए

Home / Banswara / राजस्थान का रण : वो वोट ले जाते हैं, हमें किनारे पर छोड़ जाते हैं, लेकिन चुनावों के बाद गांव में कभी नहीं आते है

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो