ग्रामीणों में सेवालाल के मुताबिक चुनाव में मतदान के दिन तो कुछ लोग इस समस्या से परेशान होंगे, लेकिन आमदिनों में आसपास के कई गांवों के लोगों को नदी पार कर आना पड़ता है। नाव से करीब आधा घंटा लगता है। सुरक्षा की व्यवस्था भी नही है। ग्रामीण बताते हैं कि चुनाव में पुल बनाने सहित अन्य इंतजाम के वादे कई बार किए, लेकिन चुनाव के बाद कोई याद ही नहीं करता हैं। वि_ल भाई बताते हंै कि नेता वोट ले जाते हंै और वादे पूरे नहीं करते हंै। नाव संचालक रमेश चंद्र डामोर ने लंबे समय से नाव चलाने की बात बताते हुए कहा कि माही डेम बनने के साथ ही क्षेत्र में यह समस्या है। जनप्रतिनिधि भी इसके स्थायी समाधान का काम नहीं कर रहे हंै।
पंचायत क्षेत्र के करीब 700 से अधिक मतदाताओं को नाव से नदी पार कर वोट डालने आना पड़ेगा। यह हर बार की समस्या है। हमने इस बार भी इस समस्या से प्रशासन को अवगत कराया था। समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। रामचंद्र निनामा, सरपंच दनाक्षरी
तीन पोलिंग बूथ- दनाक्षरी, पाटी नगरा, नागाथली
कुल वोटर- करीब 3200
नाव से दनाक्षरी बूथ आवाजाही- ठीकरिया, अंदरुजी का पारड़ा सहित अन्य गांवों के करीब 700 मतदाता
नदी का सफर- करीब डेढ़ किलोमीटर
नाव का किराया- प्रति सवारी पांच से दस रुपए