बांसवाड़ा : कमरे में सो रही बहू के साथ ससुर ने की ज्यादती, चीखने पर भी सास और पति बचाने नहीं आए, पुलिस ने दर्ज किया मामला प्रकरणों की बाढ़ आई
यह हकीकत है कि महिला अत्याचार से संबंधित प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से दर्ज करने की अनिवार्यता हुई है तब से यहां हर थानेे में प्रकरणों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। वर्ष 2019 मई तक पांच महीनों के दरम्यान जिले में कुल 380 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 127 प्रकरणों में पुलिस चालान पेश कर चुकी है, जबकि 75 प्रकरण झूठे निकल चुके हैं। वहीं 178 प्रकरणों में अभी पुलिस का अनुसंधान जारी है।
यह हकीकत है कि महिला अत्याचार से संबंधित प्रकरणों को तत्काल प्रभाव से दर्ज करने की अनिवार्यता हुई है तब से यहां हर थानेे में प्रकरणों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। वर्ष 2019 मई तक पांच महीनों के दरम्यान जिले में कुल 380 प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 127 प्रकरणों में पुलिस चालान पेश कर चुकी है, जबकि 75 प्रकरण झूठे निकल चुके हैं। वहीं 178 प्रकरणों में अभी पुलिस का अनुसंधान जारी है।
दस दिनों में हो गए 30 से अधिक प्रकरण दर्ज
जून के अभी दस दिन गुजरे और जिलेभर के थाने में अब तक करीब 30 से अधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इनमें दहेज प्रताडऩा से लेकर बलात्कार, छेड़छाड़, पोक्सो, जबरन भगा ले जाने से लेकर अन्य कई मामले शामिल हैं।
जून के अभी दस दिन गुजरे और जिलेभर के थाने में अब तक करीब 30 से अधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। इनमें दहेज प्रताडऩा से लेकर बलात्कार, छेड़छाड़, पोक्सो, जबरन भगा ले जाने से लेकर अन्य कई मामले शामिल हैं।