चातुर्मास कलशों का जुलूस गाजेबाजे के साथ निकाला गया, जो बाहुबली कॉलोनी के मुख्य मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचा। इस दौरान मार्ग में जगह-जगह मुनिश्री के पाद प्रक्षालन किए गए। पादप्रक्षालन का सौभाग्य जावरा मध्यप्रदेश से आए जितेन्द्र कोठारी, अनिल कोठारी, मयंक जैन, कैलाश बारोड़, पंकज शाह को प्राप्त हुआ। इसी प्रकार शास्त्र भेंट मांगीलाल कोठारी खांदू कॉलोनी वालों ने किया।
चातुर्मास कलश स्थापना में तीन रजत कलश स्थापित किए गए। मुख्य चातुर्मास कलश की स्थापना जयंतीलाल गांधी परिवार ने की। आचार्य शांतिसागर कलश की स्थापना मुकेश कोडनिया परिवार ने, आचार्य पुष्पदन्तसागर कलम की स्थापना अरिहंत ग्रुप ने की। इस अवसर पर नागपुर से आए प्रदीप सहाकार अशोक जैन, महात्मे ताईं, वन्दना सहाकार आदि का आयोजन समिति की ओर से सम्मान किया गया। बांसवाड़ा समाज की ओर से मुनिश्री को 2019 का चातुर्मास बांसवाड़ा में करने के लिए श्री फल चढ़ाकर निवेदन किया। महेन्द्र जैन, महिपाल शाह ने स्वागत किया।
मुनिश्री ने मंत्रोचारण पूर्वक चातुर्मास विधि सम्मत तथा 15 किलोमीटर विहार की छूट रखकर चातुर्मास करने का संकल्प लिया। उन्होंने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कहा कि चातुर्मास का हर दिन दिवाली और दशहरा जैसा खुशियों से भरा होगा। मुनिश्री ने कहा कि वे ज्ञान का खजाना लौटाने बांसवाड़ा में चातुर्मास कर रहे हैं। नेता समाज में वोट मांगने आता है। अभिनेता सपोर्ट मांगने और संत मन की खोट निकालने समाज के बीच आते। इसलिए चार माह धर्म की दौलत कमाने के दिन हैं। इंद्र मुनि का दोस्त होता है। इन्द्र बाहर की गंदगी वर्षा कर साफ करता है और मुनि भक्तों के मन की गंदगी जिनवाणी का ज्ञान देकर साफ करते हैं।