मारपीट से परेशान होकर भागा बच्चा
बच्चे ने जिला बाल कल्याण समिति के सदस्यों को बताया कि गडरिया उसे समय पर खाना नहीं देता था और और छोटी-छोटी बातों को लेकर मारपीट करता था। मध्यप्रदेश के धार जिले के आसपास एक जगह जब गडरिए ने डेरा डाला, तो वहां रोज-रोज की मारपीट से तंग आकर वह डेरे से भाग निकला और धार के उडावत गांव के पास पहुंचा। इस दौरान वहां एक होटल के संचालक ने उसे रोते हुए पाकर दिलासा दिया और जानकारी ली। मामला गड़बड़ लगा तो होटल संचालक ने उसे चाइल्ड लाइन, धार के सुपुर्द किया। धार से सूचना 25 मई को आई, जिस पर इस मामले को गंभीरता से लेकर बच्चे के परिजनों से संपर्क कर कार्रवाई के प्रयास किए गए।
मां और बच्चे के बयान में आया अंतर तो गहराया संदेह धार चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधियों के अनुसार पूछताछ में बच्चे ने दो वर्ष पूर्व उसके पिता की मौत होना बताया। पीछे परिवार में उसका एक भाई और दो बहनें होने की जानकारी दी। फिर बांसवाड़ा चाइल्ड लाइन के जरिए जब उसकी मां धार पहुंची, तो उसने पति के जीवित होने की बात कही। इससे संदेह गहराया और तब टीम बच्चे को बांसवाड़ा लेकर पहुंची।
बांसवाड़ा में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों को दे रहे अवधि पार दवा, एक ही इंजेक्शन का कर रहे कई बार उपयोग, गर्भ जांच के भी मिले सबूत बाल कल्याण समिति ने की पूछताछ बुधवार को बाल कल्याण समिति सदस्यों की उपस्थिति में बच्चे ने वही बात दोहराई, जो उसने धार चाइल्ड लाइन को दी थी। समिति सदस्यों ने चाइल्ड लाइन को परिजनों के बारे में पूर्ण जानकारी जुटाने के लिए निर्देशित किया। साथ ही बच्चे के रहने का अस्थायी बंदोबस्त बाल एवं शिशु गृह में किया। इस दौरान बाल कल्याण समिति अध्यक्ष हरीश त्रिवेदी, सदस्रू मधुसूदन व्यास, चाइल्ड लाइन से कमलेश बुनकर और कांतिलाल यादव मौजूद थे।