बंासवाड़ा. श्रीमद् भागवत समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय भागवत ज्ञान कथा महोत्सव का आगाज शोभायात्रा से हुआ। बड़ा रामद्वारा से प्रारम्भ शोभायात्रा का नगर में सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों, व्यापार मण्डल ने स्वागत किया। शोभायात्रा में राष्ट्र संत वर्षा नागर फूलों से सुसज्जित बग्घी में बैठी थी। उनके साथ संत रामप्रकाश भी थे। श्रद्वालु नाचते-झूमते चल रहे थे। यजमान परिवार के रजनीकांत कंसारा, रमाकान्ता कंसारा, हर्षी खन्ना, नवीना खन्ना पोथी लिए चल रह रहे थे। केसरिया परिधान में शिव कन्या मण्डल की बेटियां भजन की मस्ती में नृत्य करते हुए आकर्षण का केन्द्र रही।
शोभायात्रा में श्रीमद् भागवत समिति, श्री गणेश भक्त मण्डल, रामकृष्ण सत्संग मण्डल, दुर्गावाहिनी, नेमा महिला मण्डल, कंसारा महिला मण्डल आदि संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे। कथा में राष्ट्र संत वर्षा नागर ने कहा कि कथा का लक्ष्य मनुष्य जीवन की दिव्यता दिखाना है। भारत की असली सम्पति बुजुर्गो के संस्कार और संस्कृति है। इस देश ने हमें राष्ट्र का चिन्तन सिखाया है। लालीवाव मठ के महन्त हरिओम शरणदास महाराज ने कहा कि कलयुग में भगवत नाम का ही एकमात्र सहारा है। आरम्भ में पं. सूर्यशंकर नागर के आचार्यात्व में यजमान रजीनकांत कंसारा व रमाकांता कंसारा, पीयूष कंसारा, विधी कंसारा, रेखा कंसारा, राधाकिशन खन्ना, हर्षी खन्ना, नवीना खन्ना, आशीष वधवा, पिंकी वधना ने पोथी पूजन किया। कथावाचिका का श्रीमद् भागवत समिति के अध्यक्ष रवीन्द्रलाल मेहता, सुरेश गुप्ता, परमेश्वर नागर, मणिलाल जोशी, ईश्वरदास वैष्णव, विनोद दोसी, भगवतीशंकर द्विवेदी, नटवरलाल चौबीसा, देवेन्द्र शाह, कमलेश टांक, मदन मेहता, प्रवीण कंसारा, जग्गू श्रीमाल आदि ने अभिनंदन किया। संचालन डॉ. दीपक द्विवेदी ने किया।