विरोध में की बैठक
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने यहां पर आईटीआई बनाने का विरोध किया था। रविवार दोपहर एक बजे केवडिय़ा, बुजाबारा, कोठारा, कालियाभीत, सापोड़ा, उमराई सहित आस पास के लोगों ने प्रस्तावित आइटीआई के निर्माण के विरोध में बैठक की और रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी ग्रामीणों ने यहां पर आईटीआई बनाने का विरोध किया था। रविवार दोपहर एक बजे केवडिय़ा, बुजाबारा, कोठारा, कालियाभीत, सापोड़ा, उमराई सहित आस पास के लोगों ने प्रस्तावित आइटीआई के निर्माण के विरोध में बैठक की और रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।
ये बोले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अर्जुन अर्वाड प्राप्त खिलाड़ी श्यामलाल मीणा ने कहा कि आज वह जो कुछ भी हैं तो वह इसी मैदान की देन हैं एेसे में वह यहां आईटीआई भवन बनाने का विरोध करेंगे। वहीं अन्तराष्ट्रीय तीरंदाज सुरेश खडिय़ा ने कहा कि इस मैदान की बदौलत गांव की कई प्रतिभाओं ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर गांव का नाम रोशन किया और इसलिए मैदान में आईटीआई नहीं बनने देंगे।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अर्जुन अर्वाड प्राप्त खिलाड़ी श्यामलाल मीणा ने कहा कि आज वह जो कुछ भी हैं तो वह इसी मैदान की देन हैं एेसे में वह यहां आईटीआई भवन बनाने का विरोध करेंगे। वहीं अन्तराष्ट्रीय तीरंदाज सुरेश खडिय़ा ने कहा कि इस मैदान की बदौलत गांव की कई प्रतिभाओं ने राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर गांव का नाम रोशन किया और इसलिए मैदान में आईटीआई नहीं बनने देंगे।
प्रशासन बार-बार बना रहा है दबाव
इस दौरान सुखलाल गरासिया, मोतीलाल मईड़ा ने कहा कि ग्रामीणों ने बंजर भूमि को मेहनत करके खेल मैदान बनाया है और बच्चो के भविष्य को संवारने के लिए इस परिसर में आईटीआई का निर्माण नहीं होने देंगे। मैदान के विकास के लिए सासंद मद से पांच लाख रूपए, एसएमसी से पांच लाख की बाउण्ड्री व आर. के. मार्बल के माध्यम से बनाया गया है। इसके बावजूद सभी कार्यों को नजर अंदाज कर गांव वालों के विरोध के बावजूद भी यहां पर आइटीआई निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा बार-बार दबाव बनाया जा रहा है। जो बिल्कुल अनुचित है।
इस दौरान सुखलाल गरासिया, मोतीलाल मईड़ा ने कहा कि ग्रामीणों ने बंजर भूमि को मेहनत करके खेल मैदान बनाया है और बच्चो के भविष्य को संवारने के लिए इस परिसर में आईटीआई का निर्माण नहीं होने देंगे। मैदान के विकास के लिए सासंद मद से पांच लाख रूपए, एसएमसी से पांच लाख की बाउण्ड्री व आर. के. मार्बल के माध्यम से बनाया गया है। इसके बावजूद सभी कार्यों को नजर अंदाज कर गांव वालों के विरोध के बावजूद भी यहां पर आइटीआई निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा बार-बार दबाव बनाया जा रहा है। जो बिल्कुल अनुचित है।