पर्व को लेकर मंदिरों में भी तैयारियां पूरी हो चुकी है। शहर के प्रसिद्व श्री सिद्वि विनायक गणपति मंदिर को आकर्षक सजाया गया है। श्रीमद् भागवत समिति के अध्यक्ष रवीन्द्रलाल मेहता ने बताया कि इस दौरान मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा को लेकर भी विशेष प्रयास किए गए हैं। श्री गणेश भक्त मण्डल के अध्यक्ष डॉ. दीपक द्विवेदी ने बताया कि सुबह गणेश महापूजा होगी। जन्म की महाआरती दोपहर 12.00 बजे तथा रात्रि में मेला भरेगा।
बुधवार को शहर की सभी दुकानों में चहलपहल नजर आई। गणपति प्रतिमा खरीदने को लेकर सुबह से शाम तक बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक दुकानों में चहलकदमी करते नजर आए।
ज्योतिषाचार्य कृष्णकांत पी. त्रिवेदी ने बताया घर में पूर्व दिशा में गणपति प्रतिमा की स्थापना विशेष फलदायी होती है। पूजन को लेकर उन्होंने बताया कि चतुर्थी के दिन गणपति का स्नान गुड़-पानी, पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्हें एक से लेकर 21 तक दुर्वा, लाल पुष्प, लाल गुलाब चढ़ाना चाहिए। यदि चतुर्थी को सफेद चमेली गणपति को चढ़ाई जाती है तो कालसर्प योग का निवारण होता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गणपति अथर्वशेष, गणेश कवच, गणपति संकट नाशक स्त्रोत और गणपति सहस्त्रनामावलि नियमित रूप से करने से गणेश भगवान प्रसन्न होते हैं और विघ्नों का हरण कर उत्तम फल देते हैं।
विघ्रहर्ता गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक चलने वाले महोत्सव की तैयारियां बुधवार को चरम पर रही। गली मोहल्लों में गणेश स्थापना के लिए मूर्तियां क्रय कर ले जाने का पूरे दिन क्रम चला। बांसवाड़ा शहर से प्रतिमा ले जाते गणेश भक्त।