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बांसवाड़ा : गडरिये के चंगुल से छूटे बालक ने सुनाई आपबीती, ‘तीन साल में न होली मनाई और न दिवाली, पिता ने रख दिया था गिरवी’

locationबांसवाड़ाPublished: Jun 15, 2019 03:52:30 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

पुलिस ने गडरिये और बिचौलिये को किया गिरफ्तार

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बांसवाड़ा : गडरिये के चंगुल से छूटे बालक ने सुनाई आपबीती, ‘तीन साल में न होली मनाई और न दिवाली, पिता ने रख दिया था गिरवी’

बांसवाड़ा. चंद रुपयों के लालच में पिता ने मासूम बेटे का बचपन गिरवी रख दिया। इसके बाद पिछले तीन साल से उसने न स्कूल की शक्ल देखी और न होली और दिवाली मनाई। ऊपर से बेहिसाब काम का बोझ डाला और मारपीट सही सो अलग। ये व्यथा है घाटोल उपखंड के सुंडई निवासी राजू पुत्र मोहन चारेल की जो इस समय बाल कल्याण समिति की निगरानी में अस्थायी तौर पर किशोर गृह में रह रहा है। गत दिनों उसे उज्जैन की चाइल्ड लाइन ने गडरिये के चगुल से छुड़ाया था और बाल कल्याण समिति बांसवाड़ा को सौंपा था। खमेरा पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले में गडरिये तुलसी राम और बिचौलिये प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
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तीन साल गडरिये के पास रहा
राजू के मुतातिबक उसकी उम्र अभी 12 वर्ष है और वह तीन वर्ष पाली निवासी तुलसी राम गडरिये के साथ भेड़ चराने का काम रहा था। पिता ने मुझे गडरिये के पास दो हजार रुपए महीने के हिसाब से गिरवी रखा था। दूसरे वर्ष गडरिये ने ढाई हजार रुपए महीने के हिसाब से दिए और तीसरे वर्ष तीन हजार रुपए। इन तीन सालों में बस तीन बार घर गया। वो मुझे खूब काम कराता, मारता पीटता लेकिन मेरी कभी भागने की हिम्मत न हुई।
साल में एक बार घर जाने देता था गडरिया
राजू ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में वो घर तो जरूर आया पर इन दिनों में उसने न तो कभी होली देखी और न ही दिवाली। 12 महीने हो जाने के बाद ही गडरिया उसे घर जाने देता था तो इससे वो इन तीन सालों में किसी त्योहार में शामिल न हो सका।
स्कूल जाने की मंशा जताई
सीडब्ल्यूसी सदस्यों से राजू ने स्कूल जाने की भी मंशा जताई। उसने बताया कि वो स्कूल जाना चाहता है। तीन वर्षों से वो स्कूल नहीं जा पाया। वो पढ़लिखकर आगे बढऩा चाहता है।

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