प्रतिबंधित शराब की खेप हर दिन
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में प्रतिबंधित भारत निर्मित अंगे्रजी शराब तथा बीयर की खेपें हर दिन बांसवाड़ा बांसवाड़ा पहुंचती हैं, और यहां से बोर्डर थानों से गुजरात के लिए पार हो जाती हैं। जानकारों के अनुसार यहां ज्यादातर शराब मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की आती है। इसके बाद उसको यहां से तस्करी किया जाता है। कई बार यहां हरियाणा एवं पंजाब की खेपें भी बरामद हुई हैं। लेकिन इनकी जांचें पुलिस एवं आबकारी विभाग की फायलों में ही दफन होकर रह गई हैं। जबकि इस तरह के प्रकरणों की भरमार है।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में प्रतिबंधित भारत निर्मित अंगे्रजी शराब तथा बीयर की खेपें हर दिन बांसवाड़ा बांसवाड़ा पहुंचती हैं, और यहां से बोर्डर थानों से गुजरात के लिए पार हो जाती हैं। जानकारों के अनुसार यहां ज्यादातर शराब मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब की आती है। इसके बाद उसको यहां से तस्करी किया जाता है। कई बार यहां हरियाणा एवं पंजाब की खेपें भी बरामद हुई हैं। लेकिन इनकी जांचें पुलिस एवं आबकारी विभाग की फायलों में ही दफन होकर रह गई हैं। जबकि इस तरह के प्रकरणों की भरमार है।
नकली शराब की पुष्ठि
वर्ष 2017 तथा 2018 के दरम्यान आबकारी विभाग की ओर से जिलेभर में अवैध शराब की कार्रवाईयां की गई। इस दौरान कई जगह नकली एवं मिलावटी शराब भी मिली। इसकी जांच के लिए जब सेंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला तक जांच के लिए भेजे गए तो वे जांच में फेल हो गए। जिला आबकारी अधिकारी हरफूल चंदोलिया ने बताया कि 15 मई 2018 को कलिंजरा थाना इलाके के हमीरपुरा निवासी दिलीप पुत्र रघुनाथ बंजारा के कब्जे से बड़े पैमाने पर शराब बरामद हुई थी, जिसको जांच के लिए भेजा गया तो वह अमानक पाई गई। 28 मार्च 2018 को कोतवाली थाना इलाके के भवानपुरा निवासी राजू पुत्र चतरा बंजारा के कब्जे से 15 पव्वा, दस बोतल हथकड़ सहित अन्य शराब बरामद हुई। जो जांच में अमानक सिद्ध हुई। फरवरी 2017 में भूंगड़ा थाना इलाके के बामटिया निवासी राकेश पुत्र कांतिलाल के कब्जे से जो शराब बरामद हुई। वह भी जांच के दौरान अमानक पाई गई।
वर्ष 2017 तथा 2018 के दरम्यान आबकारी विभाग की ओर से जिलेभर में अवैध शराब की कार्रवाईयां की गई। इस दौरान कई जगह नकली एवं मिलावटी शराब भी मिली। इसकी जांच के लिए जब सेंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला तक जांच के लिए भेजे गए तो वे जांच में फेल हो गए। जिला आबकारी अधिकारी हरफूल चंदोलिया ने बताया कि 15 मई 2018 को कलिंजरा थाना इलाके के हमीरपुरा निवासी दिलीप पुत्र रघुनाथ बंजारा के कब्जे से बड़े पैमाने पर शराब बरामद हुई थी, जिसको जांच के लिए भेजा गया तो वह अमानक पाई गई। 28 मार्च 2018 को कोतवाली थाना इलाके के भवानपुरा निवासी राजू पुत्र चतरा बंजारा के कब्जे से 15 पव्वा, दस बोतल हथकड़ सहित अन्य शराब बरामद हुई। जो जांच में अमानक सिद्ध हुई। फरवरी 2017 में भूंगड़ा थाना इलाके के बामटिया निवासी राकेश पुत्र कांतिलाल के कब्जे से जो शराब बरामद हुई। वह भी जांच के दौरान अमानक पाई गई।
नकली शराब के काराखाने भी आए सामने
बांसवाड़ा जिले में नकली शराब बनाने के कारखाने के मामले भी कई बार सामने आए हैं। अगस्त 2016 में आबकारी विभाग ने घाटोल में अवैध शराब का कारखाना पकड़ा था, जहां से दल ने बड़े पैमाने पर नकली कॉर्क, बोतलें, रैपर सहित अन्य सामग्री बरामद की थी। इसके बाद गढ़ी थाना इलाके में भी ठीक इसी तरह के कारखाने का भण्डाफोड हुआ था। इसके बाद वर्ष 2017 फरवरी माह में घाटोल में नकली शराब बरामद हुई थी। परतापुर में वर्ष 2016 में जहरीली शराब बिक्री का मामला भी सामने आया था। इसके अलावा भी अन्य कई मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आंनदपुरी इलाके में भी कई वर्ष पूर्व नकली शराब बनाने की मशीन का मामला सामने आया था, जिसमें एक-दो पुलिस कार्मिक भी निलंबित हुए थे।
बांसवाड़ा जिले में नकली शराब बनाने के कारखाने के मामले भी कई बार सामने आए हैं। अगस्त 2016 में आबकारी विभाग ने घाटोल में अवैध शराब का कारखाना पकड़ा था, जहां से दल ने बड़े पैमाने पर नकली कॉर्क, बोतलें, रैपर सहित अन्य सामग्री बरामद की थी। इसके बाद गढ़ी थाना इलाके में भी ठीक इसी तरह के कारखाने का भण्डाफोड हुआ था। इसके बाद वर्ष 2017 फरवरी माह में घाटोल में नकली शराब बरामद हुई थी। परतापुर में वर्ष 2016 में जहरीली शराब बिक्री का मामला भी सामने आया था। इसके अलावा भी अन्य कई मामले सामने आए हैं। इसके अलावा आंनदपुरी इलाके में भी कई वर्ष पूर्व नकली शराब बनाने की मशीन का मामला सामने आया था, जिसमें एक-दो पुलिस कार्मिक भी निलंबित हुए थे।
वर्ष 2018 मई तक 500 के पार पहुंचा आंकड़ा
गत तीन वर्षों के दौरान आबकारी अधिनियम के तहत जिलेभर के विभिन्न थानों में औसत सालभर के दरम्यान 800 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि इस साल अभी तक पुलिस की कार्रवाईयों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है और अभी साल के छह माह अभी और शेष है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार कितने बड़े स्तर पर होगा।
गत तीन वर्षों के दौरान आबकारी अधिनियम के तहत जिलेभर के विभिन्न थानों में औसत सालभर के दरम्यान 800 प्रकरण दर्ज हुए। जबकि इस साल अभी तक पुलिस की कार्रवाईयों का आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है और अभी साल के छह माह अभी और शेष है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अवैध शराब का कारोबार कितने बड़े स्तर पर होगा।