पशुपति नाथ के दर्शन के लिए नेपाल की राजधानी कांठमांडू तक हवाई जहाज और आगे की यात्रा बस से वरिष्ठ यात्रियों को कराई जाएगी। गंगासागर दक्षिणेश्वर, काली- वैलूरमठ कोलकत्ता यात्रा में यात्रियों को कोलकाता तक हवाई जहाज से और आगे बस द्वारा यात्रा कराई जाएगी। देहरादून-हरिद्वार-ऋषिकेश सर्किट में देहरादून तक हवाई जहाज में और आगे बस के द्वारा यात्रियों को ले जाया जाएगा।
तीर्थ यात्रा योजना में हवाई और रेल मार्ग पर 5-5 फीसदी सीटें पत्रकारों के लिए आरक्षित की गई हैं। योजना का लाभ 60 वर्ष या अधिक आयु के पत्रकार ले सकेंगे। यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी एवं यात्रियों के साथ गए अधिकारी और कार्मिक व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से जुड़े रहेंगे ताकि उनके बीच समन्वय बना रहे। इसके अतिरिक्त यात्रियों की सुविधा के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। संयुक्त शासन सचिव या सहायक शासन सचिव को इस कक्ष का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
योजना के नियमों में इस वर्ष बदलाव भी किया गया है। जहां पूर्व में 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ यात्री ही सहायक ले जा सकते थे। वहीं अब यह आयु सीमा 65 वर्ष या इससे अधिक कर दी है। मुख्ययात्री के साथ रेल यात्रा में जाने वाले पुरुष सहायक की आयु सीमा 21 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी भी योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इस वर्ष योजना में कुछ बदलाव किए गए हैं जिससे अधिक से अधिक बुजुर्ग और अधिक से अधिक स्थानों के दर्शन कराए जा सकें।
अमर सिंह चौहान, मैनेजर, देवस्थान विभाग, बांसवाड़ा-डूंगरपुर