यह बात भी आई
सूत्रों के अनुसार विधायक निनामा के भाई की पत्नी की मौत शुक्रवार को हुई थी। विधायक के भाई ने कोई संतान नहीं होने से एक बच्चे को अपने पास रखा था जो अब बड़ा हो गया है। उसने ही अंतिम संस्कार करने के लिए कहा। इसे लेकर विधायक के परिवार के सदस्य उखड़ गए और उन्होंने इनकार कर दिया। इसे लेकर शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। विधायक ने बताया कि यह लडक़ा अपने परिवार वालों को अपने पास नहीं रख रहा था। वह कहीं दूसरी जगह रह रहा था। ऐसे में उससे क्यूं अंतिम संस्कार करवाया जाए। इसी बात को लेकर अंतिम संस्कार में देरी हुई।
सूत्रों के अनुसार विधायक निनामा के भाई की पत्नी की मौत शुक्रवार को हुई थी। विधायक के भाई ने कोई संतान नहीं होने से एक बच्चे को अपने पास रखा था जो अब बड़ा हो गया है। उसने ही अंतिम संस्कार करने के लिए कहा। इसे लेकर विधायक के परिवार के सदस्य उखड़ गए और उन्होंने इनकार कर दिया। इसे लेकर शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। विधायक ने बताया कि यह लडक़ा अपने परिवार वालों को अपने पास नहीं रख रहा था। वह कहीं दूसरी जगह रह रहा था। ऐसे में उससे क्यूं अंतिम संस्कार करवाया जाए। इसी बात को लेकर अंतिम संस्कार में देरी हुई।
पुलिस को भनक तक नहीं
इधर, गांव में घंटों तक शव पड़ा रहने के बाद भी खमेरा थाना पुलिस पूरी तरह अनभिज्ञ रही। शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे थाना प्रभारी प्रदीप बिट्टू से मामले में पूछा गया तो उन्होंने ऐसी किसी जानकारी से इनकार कर दिया। इलाके में विधायक के घर से जुड़ा इतना बड़ा मामला होने के बाद भी बीट प्रभारी से लेकर थाना प्रभारी तक को भनक नहीं लगना थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। घटनाक्रम ने पुलिस के कमजोर सूचना तंत्र की भी पोल खोल दी है।
इधर, गांव में घंटों तक शव पड़ा रहने के बाद भी खमेरा थाना पुलिस पूरी तरह अनभिज्ञ रही। शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे थाना प्रभारी प्रदीप बिट्टू से मामले में पूछा गया तो उन्होंने ऐसी किसी जानकारी से इनकार कर दिया। इलाके में विधायक के घर से जुड़ा इतना बड़ा मामला होने के बाद भी बीट प्रभारी से लेकर थाना प्रभारी तक को भनक नहीं लगना थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है। घटनाक्रम ने पुलिस के कमजोर सूचना तंत्र की भी पोल खोल दी है।