परिवार के लोग कुशलगढ़ सीएचसी पहुंचे, जहां से उन्हें बांसवाड़ा के लिए रैेफर किया गया। बीमारों में साढ़े तीन साल की भावनी पुत्री दिनेश की तबीयत गम्भीर थी, जिसकी एमजी अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो गयी। वहीं, अन्य चार लोगों की तबीयत में कुछ सुधार है। ग्रामीणों ने बताया कि परिवार के सदस्य मक्खियों को मारने के लिए बाजार से कीटनाशी लाए थे, जिसका इस्तेमाल शक्कर में मिला कर करते थे। इस शक्कर का उपयोग परिजनों ने रविवार सुबह चाय बनाने में कर लिया। इस कारण पांच सदस्यों की तबीयत बिगड़। कीटनाशी मिली शक्कर भी घर से मिली है।
इनकी तबीयत बिगड़
बदी (30)पत्नी दिनेश मईड़ा, दिनेश(30) पुत्री भूरजी, नबूड़ी (55) पत्नी भूरजी, भूरजी(55) पुत्र हलिया ग्रामीण विषाक्त पदार्थ सेवन से तबीयत बिगड़ गई, जिनका उपचार महात्मा गांधी चिकित्सालय में जारी है। बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि परिवार के लोग जिस भी कीटनाशी का उपयोग कर रहे थे वो काफी तीव्र था क्योंकि जिस बर्तन में चाय बनाई गई थी उसमेेंं बैठी मक्खी की भी मौत हो गई। इस कारण ही बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने बर्तन जब्त कर लिए हैं और शक्कर का नमूना लिया है।
बदी (30)पत्नी दिनेश मईड़ा, दिनेश(30) पुत्री भूरजी, नबूड़ी (55) पत्नी भूरजी, भूरजी(55) पुत्र हलिया ग्रामीण विषाक्त पदार्थ सेवन से तबीयत बिगड़ गई, जिनका उपचार महात्मा गांधी चिकित्सालय में जारी है। बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि परिवार के लोग जिस भी कीटनाशी का उपयोग कर रहे थे वो काफी तीव्र था क्योंकि जिस बर्तन में चाय बनाई गई थी उसमेेंं बैठी मक्खी की भी मौत हो गई। इस कारण ही बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने बर्तन जब्त कर लिए हैं और शक्कर का नमूना लिया है।