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Video : बांसवाड़ा : बुखार और निमोनिया का बच्चों पर कहर, 15 दिन में 5 मासूमों की मौत, तीन बच्चों की हालत गंभीर

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 17, 2018 12:14:07 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

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Video : बांसवाड़ा : बुखार और निमोनिया का बच्चों पर कहर, 15 दिन में 5 मासूमों की मौत, तीन बच्चों की हालत गंभीर

कुशलगढ़.. क्षेत्र के खेड़पुर गांव में गत 15 दिन में मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से पांच मासूम बच्चों की मौत हो गई। तीन बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं। चिकित्सा विभाग ने मौतों का कारण वायरल बुखार व निमोनिया बताया है, लेकिन ग्रामीणों कहना है कि बीमारी में बच्चों की चमड़ी लाल व शरीर पर दाने उभर आते हंैं। मरीज खाना-पीना छोड़ देता है और बेहोश हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि बीमारी से रितेश (5) पुत्र दोला गणावा, पूजा (4) पुत्री वालू गणावा, अंजिला (4) पुत्री दिनेश खडिया, संदीप (5) पुत्र करमा व प्रियंका पुत्री दल्पेश की मौत हुई है। प्रियंका की मौत तो रविवार को ही हुई है। रोहित पुत्र बादर व सवजी सरदार के बेटे का मेघनगर में इलाज चल रहा है। एक अन्य लक्ष्मी पुत्री कमेश गणावा को कुशलगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
चिकित्सा विभाग की टीम पहुंची गांव
बीमारी की जानकारी मिलने पर चिकित्सा विभाग ने एएनएम को गांव में भेजकर जानकारी प्राप्त की। उसके बाद रविवार को ब्लॉक चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र उज्जेनिया, शिशु रोग विशेषज्ञ मुकेश भारद्वाज के साथ खेड़पुर पहुंचे व बीमार बच्चों का इलाज किया। तीन बच्चों कुशलगढ़ रैफर किया गया। डॉ. उज्जेनिया ने बताया कि सभी की मौत वायरल बुखार व निमोनिया से हुई है।
माता का प्रकोप समझ नहीं कराया उपचार
चिकित्सकों के अनुसार परिजनों ने माता का प्रकोप समझकर ग्रामीणों ने बच्चों का इलाज नहीं करवाया, जिससे उनकी मौत हो गई। अभी गांव में सर्दी जुकाम व बुखार के मरीज हैं। गांव में विभाग की टीम गठित कर इलाज किया जा रहा है।
ग्रामीणों के पत्र के बाद जागा चिकित्सा विभाग
बांसवाड़ा. एक ही गांव के बीमारी से चार बच्चों की मौत हो जाने पर भी चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों को इसकी इनकी भनक तक नहीं लगी। इसके बाद जब ग्रामीणों ने पत्र देकर जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी तब जाकर विभाग की नींद खुली।
पहले दिन एएनएम को भेज इतिश्री
इस संबंध में बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि 13 सितम्बर शाम को सीएमएचओ ऑफिस से निर्देश मिले थे। इस पर एएनएम को गांव जाकर देखने के निर्देश दिए और दूसरे दिन वे स्वयं पहुंचे। साथ ही बीसीएमओ ने बताया कि वे गांव में दो से तीन बार गए।
चिकित्सकों पहुंचने के बाद भी हो गई एक मौत
गौर करने वाली बात यह है कि 13 सितम्बर को विभाग को भलिभांति जानकारी मिलने के तीन दिन बाद 16 सितम्बर को भी पांच वर्षीय बच्ची प्रियंका की मौत हो गई। बच्ची की मौत उसके घर पर ही हुई। प्रियंका को विभाग ने चिकित्सालय लाने तक की जहमत नहीं उठाई। अस्पताल आती तो जान बच सकती थी।
सब सेंटर कई दिनों से बंद
उज्जेनिया ने बताया कि खेडपुर में चल रहा सब सेन्टर पीपीमोड पर है। जो 18 अगस्त से एएनएम नहीं होने से बंद पड़ा था। इसके लिए कई बार संचालक को अवगत करवाया परन्तु एएनएम नियुक्त नहीं की गई। अतिरिक्त टीम गठित कर घर-घर सर्वे करवाकर इलाज करवाया जाएगा।
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