चिकित्सा विभाग की टीम पहुंची गांव
बीमारी की जानकारी मिलने पर चिकित्सा विभाग ने एएनएम को गांव में भेजकर जानकारी प्राप्त की। उसके बाद रविवार को ब्लॉक चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र उज्जेनिया, शिशु रोग विशेषज्ञ मुकेश भारद्वाज के साथ खेड़पुर पहुंचे व बीमार बच्चों का इलाज किया। तीन बच्चों कुशलगढ़ रैफर किया गया। डॉ. उज्जेनिया ने बताया कि सभी की मौत वायरल बुखार व निमोनिया से हुई है।
बीमारी की जानकारी मिलने पर चिकित्सा विभाग ने एएनएम को गांव में भेजकर जानकारी प्राप्त की। उसके बाद रविवार को ब्लॉक चिकित्साधिकारी डॉ. राजेन्द्र उज्जेनिया, शिशु रोग विशेषज्ञ मुकेश भारद्वाज के साथ खेड़पुर पहुंचे व बीमार बच्चों का इलाज किया। तीन बच्चों कुशलगढ़ रैफर किया गया। डॉ. उज्जेनिया ने बताया कि सभी की मौत वायरल बुखार व निमोनिया से हुई है।
माता का प्रकोप समझ नहीं कराया उपचार
चिकित्सकों के अनुसार परिजनों ने माता का प्रकोप समझकर ग्रामीणों ने बच्चों का इलाज नहीं करवाया, जिससे उनकी मौत हो गई। अभी गांव में सर्दी जुकाम व बुखार के मरीज हैं। गांव में विभाग की टीम गठित कर इलाज किया जा रहा है।
चिकित्सकों के अनुसार परिजनों ने माता का प्रकोप समझकर ग्रामीणों ने बच्चों का इलाज नहीं करवाया, जिससे उनकी मौत हो गई। अभी गांव में सर्दी जुकाम व बुखार के मरीज हैं। गांव में विभाग की टीम गठित कर इलाज किया जा रहा है।
ग्रामीणों के पत्र के बाद जागा चिकित्सा विभाग
बांसवाड़ा. एक ही गांव के बीमारी से चार बच्चों की मौत हो जाने पर भी चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों को इसकी इनकी भनक तक नहीं लगी। इसके बाद जब ग्रामीणों ने पत्र देकर जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी तब जाकर विभाग की नींद खुली।
बांसवाड़ा. एक ही गांव के बीमारी से चार बच्चों की मौत हो जाने पर भी चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों को इसकी इनकी भनक तक नहीं लगी। इसके बाद जब ग्रामीणों ने पत्र देकर जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी तब जाकर विभाग की नींद खुली।
पहले दिन एएनएम को भेज इतिश्री
इस संबंध में बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि 13 सितम्बर शाम को सीएमएचओ ऑफिस से निर्देश मिले थे। इस पर एएनएम को गांव जाकर देखने के निर्देश दिए और दूसरे दिन वे स्वयं पहुंचे। साथ ही बीसीएमओ ने बताया कि वे गांव में दो से तीन बार गए।
इस संबंध में बीसीएमओ डॉ. उज्जैनिया ने बताया कि 13 सितम्बर शाम को सीएमएचओ ऑफिस से निर्देश मिले थे। इस पर एएनएम को गांव जाकर देखने के निर्देश दिए और दूसरे दिन वे स्वयं पहुंचे। साथ ही बीसीएमओ ने बताया कि वे गांव में दो से तीन बार गए।
चिकित्सकों पहुंचने के बाद भी हो गई एक मौत
गौर करने वाली बात यह है कि 13 सितम्बर को विभाग को भलिभांति जानकारी मिलने के तीन दिन बाद 16 सितम्बर को भी पांच वर्षीय बच्ची प्रियंका की मौत हो गई। बच्ची की मौत उसके घर पर ही हुई। प्रियंका को विभाग ने चिकित्सालय लाने तक की जहमत नहीं उठाई। अस्पताल आती तो जान बच सकती थी।
गौर करने वाली बात यह है कि 13 सितम्बर को विभाग को भलिभांति जानकारी मिलने के तीन दिन बाद 16 सितम्बर को भी पांच वर्षीय बच्ची प्रियंका की मौत हो गई। बच्ची की मौत उसके घर पर ही हुई। प्रियंका को विभाग ने चिकित्सालय लाने तक की जहमत नहीं उठाई। अस्पताल आती तो जान बच सकती थी।
सब सेंटर कई दिनों से बंद
उज्जेनिया ने बताया कि खेडपुर में चल रहा सब सेन्टर पीपीमोड पर है। जो 18 अगस्त से एएनएम नहीं होने से बंद पड़ा था। इसके लिए कई बार संचालक को अवगत करवाया परन्तु एएनएम नियुक्त नहीं की गई। अतिरिक्त टीम गठित कर घर-घर सर्वे करवाकर इलाज करवाया जाएगा।
उज्जेनिया ने बताया कि खेडपुर में चल रहा सब सेन्टर पीपीमोड पर है। जो 18 अगस्त से एएनएम नहीं होने से बंद पड़ा था। इसके लिए कई बार संचालक को अवगत करवाया परन्तु एएनएम नियुक्त नहीं की गई। अतिरिक्त टीम गठित कर घर-घर सर्वे करवाकर इलाज करवाया जाएगा।