scriptवर्कर्स यूनियन की प्रधानमंत्री से मांग | Workers union demands from the Prime Minister | Patrika News
बैंगलोर

वर्कर्स यूनियन की प्रधानमंत्री से मांग

ग्रेच्युटी अधिनियम में हो संसोधन

बैंगलोरFeb 06, 2024 / 05:42 pm

Yogesh Sharma

वर्कर्स यूनियन की प्रधानमंत्री से मांग

वर्कर्स यूनियन की प्रधानमंत्री से मांग

बेंगलूरु. कर्नाटका वर्कर्स यूनियन ने प्रधानमंत्री को भेजे लाखों कर्मचारियों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन में ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम में संसोधन का आग्रह किया है। कर्नाटका वकर्स यूनियन के महासचिव ईकेएन राजन ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 50 वर्षों से ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में कोई संशोधन नहीं हुआ है। वर्तमान ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के अनुसार, श्रमिकों को ग्रेच्युटी के रूप में प्रति वर्ष सेवा के 15 दिनों का वेतन मिलता है। ग्रेच्युटी के भुगतान की गणना के लिए केवल कर्मचारियों के मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर विचार किया जाता है। जबकि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश श्रमिकों को बहुत कम वेतन मिल रहा है और स्वाभाविक रूप से उनका मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलकर भी हमेशा कम रहेगा। ऐसे में मौजूदा एक्ट के मुताबिक उन्हें रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी की बहुत कम राशि मिल रही है। ग्रेच्युटी की यह कम राशि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक सभ्य सेवानिवृत्त जीवन जीने में किसी भी तरह से पर्याप्त नहीं है। इसलिए, ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम में संशोधन लाना आवश्यक है।
वर्तमान में ईएसआई योजना के कवरेज के लिए वेतन सीमा 21 हजार रुपए निर्धारित है। ऐसे में श्रमिकों का एक बड़ा वर्ग ईएसआई योजना से बाहर है और उन्हें किसी भी तरह की बीमारी के खर्च को पूरा करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जो श्रमिक ईएसआई योजना के दायरे से बाहर हैं, उन्हें निजी चिकित्सा बीमा योजनाओं के तहत कवर किया जाता है। निजी चिकित्सा बीमा योजना के तहत इलाज के लिए बीमा राशि का दावा करने के लिए 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। श्रमिकों के माता-पिता निजी मेडिक्लेम पॉलिसियों के अंतर्गत कवर नहीं होते हैं। केवल चयनित बीमारियों का ही उपचार किया जाता है। जबकि ईएसआई योजना के तहत श्रमिकों के माता-पिता सहित पूरे परिवार के लिए और सभी बीमारियों के लिए उपचार दिया जाता है, साथ ही कर्मचारियों को रोजगार चोटों के लिए आजीवन पेंशन सहित बीमारी की अवधि के लिए छुट्टी वेतन भी मिलता है। ऐसे में ईएसआई योजना के कवरेज के लिए वेतन सीमा को हटाना जरूरी है, ताकि सभी कर्मचारियों को स्वास्थ्य और अन्य संबंधित लाभ मिल सकें।

Home / Bangalore / वर्कर्स यूनियन की प्रधानमंत्री से मांग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो