राजेश एटीएम में गए और कार्ड डाला, लेकिन पैसे नहीं निकले। हालांकि, एक पर्ची निकली, जिसमें पैसे निकलने की बात लिखी हुई थी। जब वह पैसे का दावा करने एसबीआइ के पास पहुंचे तो बैंक ने कहा-ऐसा अहस्तांतरणीय नियमों की वजह से हुआ है। कोर्ट में यह मामला करीब साढ़े तीन साल तक चला। 29 मई, 2018 को दिए फैसले में कोर्ट ने कहा कि वंदना को 25,000 रुपए निकालने के लिए पति को अधिकृत पत्र या चेक देना चाहिए था। उन्हें पिन साझा नहीं करना चाहिए था।
बैंकिंग लोकपाल ने भी खारिज कर दिया
इसके बाद दंपती ने सीसीटीवी फुटेज हासिल किया, जिसमें राजेश पैसे निकालने की कोशिश करते दिखे, मगर उन्हें पैसे नहीं मिले। उन्होंने बैंक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद जांच समिति बनी। उसने पाया कि फुटेज में वंदना नहीं थी। इसके बाद वंदना ने आरटीआइ से 16 नवंबर, 2013 की नकद प्रमाणीकरण रिपोर्ट ली। इसमें खाते में 25,000 रुपए अतिरिक्त दिख रहे थे।
इसके बाद दंपती ने सीसीटीवी फुटेज हासिल किया, जिसमें राजेश पैसे निकालने की कोशिश करते दिखे, मगर उन्हें पैसे नहीं मिले। उन्होंने बैंक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद जांच समिति बनी। उसने पाया कि फुटेज में वंदना नहीं थी। इसके बाद वंदना ने आरटीआइ से 16 नवंबर, 2013 की नकद प्रमाणीकरण रिपोर्ट ली। इसमें खाते में 25,000 रुपए अतिरिक्त दिख रहे थे।
इसके बाद यह रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की गई। मगर एसबीआइ की ओर से पेश वकील ने एक और रिपोर्ट पेश कर दावा किया कि वंदना के खाते में अतिरिक्त पैसे नहीं थे। उपभोक्ता अदालत में जाने से पहले दंपती ने बैंक के लोकपाल से संपर्क किया, जिसने फौरन फैसला दे दिया कि अगर पिन साझा किया गया है तो नकदी निकासी पर रोक लग जाएगी।
बैंक की दलील : पैसा मिल गया था
राजेश पैसे निकालने में नाकाम रहे तो उन्होंने एसबीआइ के कॉल सेंटर पर फोन कर परेशानी बताई। बैंक ने कहा पैसे 24 घंटे में खाते में आ जाएंगे। एक दिन बाद दंपती ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई। बैंक ने कुछ ही दिनों में उनका मामला यह कहते हुए बंद कर दिया कि पैसे की निकासी सही थी और ग्राहक ने पैसे हासिल कर लिए।
राजेश पैसे निकालने में नाकाम रहे तो उन्होंने एसबीआइ के कॉल सेंटर पर फोन कर परेशानी बताई। बैंक ने कहा पैसे 24 घंटे में खाते में आ जाएंगे। एक दिन बाद दंपती ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई। बैंक ने कुछ ही दिनों में उनका मामला यह कहते हुए बंद कर दिया कि पैसे की निकासी सही थी और ग्राहक ने पैसे हासिल कर लिए।