scriptबेंगलूरु में हज यात्रा से लौटे यात्रियों का किया स्वागत | Welcome to travelers returning from Haj pilgrimage in Bangalore | Patrika News

बेंगलूरु में हज यात्रा से लौटे यात्रियों का किया स्वागत

locationबैंगलोरPublished: Sep 13, 2018 12:25:55 am

Submitted by:

arun Kumar

हज पर गए यात्री लौटने लगे : रोशन बेग

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बेेंगलूरु. इस बार प्रदेश से हज पर गए यात्री अपने घरों को लौटने लगे हैं। कर्नाटक हज समिति के अध्यक्ष आर. रोशन बेग ने बुधवार तड़के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर यात्रियों का स्वागत किया और सामान और अन्य चीजों को बाहर लाने में सहयोग किया।
इस अवसर पर रोशन बेग ने कहा कि इस बार हज पर राज्य के 5700 यात्री गए थे। मक्का में चार यात्रियों की मौत हो गई। सबसे पहले 24 जुलाई को मेंगलूरु हवाईअड्डे से गए यात्री लौटे हैं। जबकि अन्य यात्री बेंगलूरु से 1 अगस्त को रवाना हुए थे। यात्रियों के लौटने का सिलसिला 20 सितम्बर तक रहेगा।
वहां मक्का और मदीना में यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हुई। केन्द्र सरकार से भी बहुत सहयोग मिला। विशेष रूप से केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कर्नाटक हज समिति का बहुत सहयोग किया।
हज पर जाते समय एमिग्रेशन की जांच करने से उड़ान में देरी हुई थी, अगले वर्ष से इस तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। यात्रियों को उतरने और सामान आसानी से प्राप्त करने के उद्देश्य से हवाई अड्डा परिसर में ही अलग टर्मिनल निर्मित किया गया है। टर्मिनल में यात्रियों को कुछ देर आराम करने का अवसर दिया गया। सउदी अरब में ही सामान की स्कैनिंग होगी। यहां केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नहीं।
हज यात्रा इस्लामी तीर्थयात्रा और मुस्लिम लोगों के पवित्र शहर मक्का के लिए प्रतिवर्ष की जाती है। हज यात्रा को इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है। शारीरिक और आर्थिक रूप से हज करने में सक्षम होने पर ये यात्रा करना इस्तिताह कहा जाता है और जो मुस्लिम इसे पूरा करता है वो मुस्ताती कहलाता है। कहा जाता है कि हज का रिश्ता 7 वीं शताब्दी से इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जीवन के साथ जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि मक्का से जुड़ी ये तीर्थयात्रा की रस्म हजारों सालों से यानि कि इब्राहीम के समय से चली आ रही है। लाखों लोगों इसमें शामिल होते हैं आैर एक साथ हज के सप्ताह में मक्का में जमा होते हैं। इसके बाद यहां कई अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं।
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