उन्होंने लोभ के भयावह दुष्परिणामों को एक कथानक के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यक्ति को लोभवश ऐसे कार्य कभी नहीं करने चाहिए कि किसी दूसरे का जीवन बर्बाद करना पड़े। आज हम दैनिक जीवन में संचार में देखते पढ़ते सुनते हैं कि व्यक्ति भौतिक धन संपत्ति की अधिकाधिक चाहना के कारण नैतिक अनैतिक सब कार्यों में प्रवृत्त हो जाता है इस भौतिक धन आदि के लिए जो सब क्षणिक नश्वर है।
मात्र इस संसार तक ही सीमित रहने वाले हैं उनके लिए किसी के प्राणों की घात करने हत्या जैसे महापाप करने से भी नहीं चुकता है। प्रारंभ में साध्वी सुविधि ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी सुमित्रा ने सागर दत्त चरित्र का वाचन करते हुए सबको मंगलपाठ प्रदान किया। इस मौके पर तपस्वी सुमन धोका ने 17 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। संचालन युवाध्यक्ष राजेश गोलेच्छा ने किया।
शिविर में नि:शुल्क उपचार
बेंगलूरु. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में महावीर धर्मशाला में आयोजित नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में 190 लोगों ने नेत्र जांच, 220 लोगों ने बीपी व मधुमेह की जांच करवाई। शिविर का उद्घाटन पार्षद वाणी वी राव ने किया जबकि अध्यक्षता समाजसेवी वेदव्यास भट ने किया। मोती लाल जैन ने एक्यूपे्रेशर पद्धति से सात पीडि़तों को राहत दी। मेडिकल टीम का सम्मान किया।
सावंत्सरिक क्षमापना महोत्सव
बेंगलूरु. शांतिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट विलावास के तत्वावधान में संघ कासप्तम सांवत्सरिक क्षमापना महोत्सव रविवार को मुनि सुव्रत स्वामी जैन धर्मशाला केन्टोनमेंट में हुआ। संघ अध्यक्ष इंद्रचंद बोहरा व सचिव नरेंद्र आच्छा ने बताया कि इस मौके पर तपस्वियों का अभिनंदन करने के अलावा संघ के वार्षिक आय-व्यय व विभिन्न गतिविधियों की जानकारी संघ सदस्यों के समक्ष रखी।