scriptतप त्याग के साथ मनाया स्वामी चांद स्मृति दिवस | Swami Chand Smriti Day celebrated with asceticism | Patrika News

तप त्याग के साथ मनाया स्वामी चांद स्मृति दिवस

locationबैंगलोरPublished: Nov 17, 2018 05:32:56 am

जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में शुक्रवार को महावीर धर्मशाला में आयोजित धर्मसभा में जयधुरंधर मुनि ने कहा कि जहां दो होते हैं वहां टकराव होता है।

तप त्याग के साथ मनाया स्वामी चांद स्मृति दिवस

तप त्याग के साथ मनाया स्वामी चांद स्मृति दिवस

बेंगलूरु. जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में शुक्रवार को महावीर धर्मशाला में आयोजित धर्मसभा में जयधुरंधर मुनि ने कहा कि जहां दो होते हैं वहां टकराव होता है। दो बर्तनों के टकराने की आवाज आती है। दो बादलों के आपस में भिडऩे से गर्जना होती है। दो पत्थरों को रगडऩे से अग्नि पैदा होती है। दो गाडिय़ों के टकराने से हादसा हो जाता है। इन सब प्रकार के टकराव से बचने के लिए ‘आत्मवत सर्वभूतेषु’ का सिद्धांत अपनाते हुए साधक केवल अपनी आत्मा को ही अपना मानता है।


इस भावना के द्वारा वह चिन्तन करता है कि मै अकेला हूं। मेरा कोई नहीं है। मैं किसी का नहीं हूं। यह विचारधारा ही उसे स्वार्थ से परमार्थ की दुनिया में ले जाती है। शुक्रवार को स्वामी चांदमल को उनके पचासवें स्मृति दिवस पर भावांजलि अर्पित करते हुए मुनि ने कहा कि जीवन आदर्श है। चैन्नई के रायपुरक क्षेत्र से संघ अध्यक्ष पारसमल कोठारी के नेतृत्व में सदस्यों ने आगामी चातुर्मास का आग्रह किया।

अखिल भारतीय जयमल जैन श्रावक संघ के राष्ट्रीय महामंत्री विमलचंद सांखला ने भी विचार व्यक्त किए। तिरवल्लुर संघ अध्यक्ष पदमचंद लुंकड़ ने भी सदस्यों के साथ आग्रह किया। संघ अध्यक्ष मीठालाल मकाणा ने संचालन किया। मंत्री कनकराज चौरडिय़ा ने बताया कि रविवार को दोपहर ढाई बजे से मुनि के विशेष प्रवचन होंगे।

दूसरों को आगे बढ़ते देखकर मन में हो खुशी
मैसूरु. सिटी स्थानक में समकित मुनि ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्व पर प्रकाशित बनो।
जो स्वयं प्रकाशमान नहीं होता वह दूसरों को प्रकाशित नहीं कर सकता। संत स्व पर प्रकाशी होते हैं जो कि स्वयं के साथ-साथ सबका भला सोचते हैं। मुनि ने कहा कि खुद का तो ध्यान रखते ही हैं लेकिन दूसरों का भी ध्यान रखना चाहिए। स्वयं के साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखो।


जो स्व पर प्रकाशित पुरुष होते हैं उनकी यह सोच रहती है कि मैंने तो सब पाया है, लेकिन जो इनसे वंचित हैं क्यों ना उनको हासिल कराऊं। मेरे घर में उजालाा है क्यों ना दूसरों के घरों में प्रकाश करूं। ऐसा करने से प्रमोद भावना का जन्म होता है।
मुनि ने कृष्ण और सुदामा का प्रसंग भी सुनाया। रविवार को जैन मिलन डायलिसिस सेंटर में प्रवचन होंगे।
यह जानकारी राजन वाघमार ने दी। संचालन मंत्री सुशील कुमार नंदावत ने किया।

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