विधान परिषद में गुरुवार को संशोधित विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा कि देश के 16 से अधिक राज्यों ने ऐसा संशोधन पारित किया है। केंद्र सरकार की ओर से पारित भू-अधिग्रहण विधेयक के सभी प्रावधानों को यथावत रखते हुए इस विधेयक में दो संशोधन लाए गए हैं। पहला संशोधन योजना का ‘सामाजिक प्रभाव’ के अध्ययन से जुड़ा है। नए संशोधन में इस प्रावधान को हटाया गया है। यह संशोधित विधेयक केवल केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की परियोजना के लिए ही सीमित है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित इकाइयां तथा सिंचाई, सड़क निर्माण जैसी परियोजनाएं समय पर पूरी हों इसलिए ही यह संशोधन लाया गया है। सदन में इस विधेयक पर कांग्रेस के सदस्य के.सी. कोंडय्या, अशोक मट्टूर तथा जनता दल-एस के एस.एल. धर्मेगौड़ा की आपत्तियों का राजस्व मंत्री ने जवाब दिया। उसके पश्चात इस विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। विधानसभा में बुधवार को ही इस विधेयक को पारित किया गया था।