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हरिनाम संकीर्तन में झूमे श्रद्धालु

locationबैंगलोरPublished: Sep 25, 2018 11:13:33 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

राजस्थान विष्णु सेवा ट्रस्ट भवन में भजनों की प्रस्तुति

harinam sankirtan

हरिनाम संकीतर्ण में झूमे श्रद्धालु

मैसूरु. इट्केगुड स्थित राजस्थान विष्णु सेवा ट्रस्ट भवन में रविवार को हरि नाम संकीर्तन का आयोजन हुआ। सत्संगी जेठूसिंह राठौड़ ने छोटी-छोटी गइया छोटे छोटे ग्वाल छोटो सो म्हारो मदन गोपाल…आदि भजनों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर रतनाराम राजपुरोहित, रतनचंद राजपुरोहित, मंगलाराम राजपुरोहित, हडमताराम राजपुरोहित सहित कई भक्त उपस्थित रहे।
कार चालकों को डस्टबिन बांटे
बेंगलूरु. मारवाड़ी युवा मंच सेंट्रल की ओर से स्वच्छता अभियान के तहत शनिवार को कार चालकों को कचरा रखने के लिए डिब्बे प्रदान कर स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। मंच ने सोनी सिग्नल पर राजाजी नगर नवरंग सिग्नल पर कार चालकों को डस्टबिन वितरित किए। इस मौके पर खजांची अमित चिरानिया, सचिव ज्ञान अग्रवाल, संस्थापक अध्यक्ष सुरेश झझरिया, अध्यक्ष संदीप तिब्ब्राल आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
टीशर्ट का अनावरण
बेंगलूरु. जेसीआइ बेंगलूरु गार्डन सिटी की ओर से आगामी 29-30 सितम्बर को शालिनी ग्राउंड जयनगर में आयोजित होने वाले नम्मा हब्बा के टीशर्ट का रविवार को अनावरण किया गया। टीशर्ट पर नम्मा हब्बा का प्रतीक चिह्न अंकित है। मुकेश भंडारी की अध्यक्षता में कार्यक्रम में लालबाग में पर्चे व पाठशालाओं में बुकमाक्र्स वितरित किए।
वचन से होती है इंसान की पहचान
बेंगलूरु. हनुमंतनर जैन स्थानक में साध्वी सुप्रिया ने सोमवार को प्रवन में नौ प्रकार के पुण्यों में सातवें वचन पुण्य पर आधारित ‘मधुर वाणी परम कल्याणीÓ विषय पर कहा कि मधुर वाणी मानव की संपत्ति है। व्यक्ति को हमेशा हित, मित , परिमित, मधुर मीठे वचन बोलने चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे कोयल अपनी मधुर आवाज से आनंदित करते हुए सबको अच्छी लगती है, वहीं कौआ अपने कर्कश आवाज से सर्वत्र तिरस्कार का पात्र बनता है। ठीक वैसे ही मधुर वचन बोलने से सबका आदर पात्र बनकर पूजनीय बनता है। साध्वी ने कटु वच के दुष्परिणाम बताते हुए आगम में वर्णित महाशतक श्रावक रेवती के जीवन के घटना प्रसंग पर विस्तार से प्रकाश डाला। साध्वी सुमित्रा ने सागर दत्त चरित्र का वांचन करते हुए सबको मंगल पाठ दिया। संचालन संजय कुमार कचोलिया ने किया। तपाराधकों ने 3, 4, 9 आदि तप के पच्चखाण ग्रहण किए। तपस्वी हेमा कंवर कांकरिया का संघ द्वारा अभिनंदन किया गया।
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