हुसैन ने बताया कि उत्सर्जन स्तर को बेहतर बनाने के लिए फैक्ट्री में 19 करोड़ रुपए की लागत से फ्यूम एक्सट्रैक्शन सिस्टम लगाया गया है। व्हील और एक्सल प्लांट में स्थापित सभी ताप भट्टियों को डीजल से सीएनजी में परिवर्तित कर दिया गया है। इस कारण फैक्ट्री को 186 करोड़ रुपए की मासिक बचत हुई है और उत्सर्जन के स्तर में कमी आई है।
कबाड़ काटने के लिए सीएनजी का उपयोग किया जाने लगा है। साथ ही दो मेगावाट की सौर प्रणाली गत 31 दिसम्बर को छत पर स्थापित की गई है। इससे प्रति वर्ष 24 लाख रुपए की बचत होने लगेगी।
उन्होंने बताया कि कारखानों, कार्यालयों और स्टेशन आदि पर ट्यूब लाइट और बल्ब हटाकर एलइडी लगाई गई हैं, जिससे प्रति वर्ष 70 लाख रुपए के बिजली के बिल की बचत होगी। हुसैन ने बताया कि कुएं का जीर्णोद्धार किया गया है। इससे पीने को छोड़कर अन्य कामों में आने वाले पानी की व्यवस्था पुख्ता हुई है। इससे रेलवे को प्रति वर्ष करीब 40 लाख रुपए की बचत हो रही है।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष लोहानी ने कर्मचारी कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने रेलवे के कल कारखानों, कर्मचारियों की कॉलोनियों में सीएनजी का इस्तेमाल बढ़ाने पर रेलवे प्रबंधन की सराहना की।
प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर संजीव किशोर, विभाग के अन्य प्रमुख प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।