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राहुल की नेताओं को नसीहत,विधायकों को विश्वास में रखें

locationबैंगलोरPublished: Sep 21, 2018 01:14:58 am

Submitted by:

Surendra Rajpurohit

दुबारा नहीं उभरे बगावत के सुर

Rahul Gandhi

Rahul Gandhi

बेंगलूरु. चार महीने पुरानी एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जद-एस और कांग्रेस गठबंधन सरकार पर मंडरा रहा राजनीतिक संकट फिलहाल टल गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दखल के बाद जारकीहोली बंधुओं के बगावती तेवर के कारण उपजा संकट सुलझ गया है लेकिन आलाकमान ने प्रदेश के नेताओं को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे विधायकों को विश्वास में रखें ताकि दुबारा बगावत के सुर नहीं उभरे। बताया जाता है कि आलाकमान इस बात से नाराज है कि भाजपा के सरकार गिराने की कोशिशों के बावजूद प्रदेश के नेता स्थानीय स्तर पर संकट को सुलझाने में विफल रहे।
बताया जाता है कि आलाकमान ने प्रदेश के नेताओं को दो टूक कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार के लिए किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति नहीं बननी चाहिए। गठबंधन सरकार को बचाए रखने के लिए पार्टी नेता प्रयास करें।
मंत्री रमेश जारकीहोली और उनके भाई सतीश जारकीहोली के बगावती तेवर को देखते हुए आलाकमान ने प्रदेश के नेताओं को दिल्ली तलब किया था। सूत्रों के मुताबिक बुधवार रात हुई बैठक में राहुल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव, उपमुख्यमंत्री डॉ जी परमेश्वर, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे और पूर्व सिद्धरामय्या से कहा कि पार्टी आलाकमान ने गठबंधन का निर्णय लिया है और इसे कायम रखना पार्टी की जिम्मेदारी है। भाजपा ऑपरेशन कमल के जरिए सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और इसे विफल करने के लिए हमें अपने विधायकों का विश्वास हासिल करना होगा। राहुल ने प्रदेश नेताओं को बिना किसी दबाव में आए विधायकों की शिकायतों को सुनने और उनकी वाजिब मांगों को पूरा करने के लिए कहा। राहुल ने कहा कि विकास कार्यों को लेकर कोई विधायक शिकायत करता है तो प्रदेश के नेता मुख्यमंत्री से बात करें और उसकी समस्या का समाधान करवाएं। प्रदेश के नेताओं ने राहुल को मंत्रिमंडल का विस्तार भी जल्द करने का सुझाव दिया जिस पर उन्होंने सहमति जताई। बताया जाता है कि राहुल ने प्रदेश के नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा के लिए ३ अक्टूबर को होने वाले विधान परिषद उपचुनाव के बाद फिर से मुलाकात करने के लिए कहा। सूत्रों का कहना है कि जारकीहोली बंधुओं को कुछ मसलों पर आलाकमान से सकारात्मक संकेत मिले हैं और जिसके बाद उनके तेवर नरम पड़ गए हैं। आलाकमान से संकेत मिलने के बाद ही रमेश जारकीहोली बुधवार शाम मंत्री डी के शिवकुमार से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे। बेलगावी जिले के राजनीतिक मामले में शिवकुमार के दखल के कारण ही जारकीहोली बंधु नाराज थे। मंगलवार को कुमारस्वामी ने भी जारकीहोली बंधुओं से मुलाकात की थी। शिवकुमार से मुलाकात के बाद रमेश ने कहा कि अब सारे मसले सुलझ चुके हैं। कुमारस्वामी भी गुरुवार सुबह शिवकुमार से मिलने अस्पताल पहुंचे।

वीडियो क्लिप का कमाल!
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जारकीहोली बंधुओं के सुर बदलने के पीछे कांग्रेस आलाकमान के रवैये से ज्यादा एक कथित वीडियो का कमाल है। सरकार बचाने की कोशिश में जब कुमारस्वामी जारकीहोली बंधुओं से मिले थे तो पहले उन्होंने उन लोगों की बातें गंभीरता से सुनी और कांग्रेस आलाकमान से बात करने का भरोसा भी दिया लेकिन जब उनलोगों ने अपनी मांगों पर दबाव डाला तो कुमारस्वामी ने उन्हें कथित तौर पर एक वीडियो क्लिप दिखाया जिसमें जारकीहोली बंधुओं में एक भाई कथित तौर पर किसी मध्यस्थत से सरकार गिराने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। बताया जाता है कि कुमारस्वामी ने उन्हें चेताया कि अगर उनलोगों ने सरकार गिराने की कोशिश की तो वीडियो सार्वजनिक करने के साथ ही मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंप देंगे। बताया जाता है कि कुमारस्वामी के चेतावनी के बाद की जारकीहोली बंधुओं का रूख बदला है। इस घटना के बाद ही पुलिस ने कथित तौर पर सरकार गिराने की कोशिश में शामिल एक व्यक्ति के यहां एक पुराने मामले को लेकर दबिश भी दी थी।
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