scriptमल्लिकार्जुन खरगे पर क्षेत्र बदलने का दबाव | Pressure to change area on Mallikarjun Kharge | Patrika News

मल्लिकार्जुन खरगे पर क्षेत्र बदलने का दबाव

locationबैंगलोरPublished: Feb 22, 2019 02:33:35 am

कलबुर्गी जिले से लगातार चुनाव जीत रहे संसद में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर इस बार गुलबर्गा के बदले किसी ओर क्षेत्र से आम चुनाव लडऩे के लिए दबाव बढ़ रहा है।

मल्लिकार्जुन खरगे पर क्षेत्र बदलने का दबाव

मल्लिकार्जुन खरगे पर क्षेत्र बदलने का दबाव

कलबुर्गी जिले से लगातार चुनाव जीत रहे संसद में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर इस बार गुलबर्गा के बदले किसी ओर क्षेत्र से आम चुनाव लडऩे के लिए दबाव बढ़ रहा है। खरगे ने जिले के गुरमितकल विधानसभा क्षेत्र से 9 बार तथा गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र से 2 बार जीत हासिल की है।


इसलिए यहां खरगे को यहां ‘सोल इल्लद सरदारा’ यानी ऐसा नेता जिसकी कभी हार नहीं होती कहा जाता है। क्षेत्र में खरगे पिता-पुत्र (प्रियांक खरगे) से नाराज कई कांग्रेस नेताओं का झुकाव भाजपा के पक्ष में होने के कारण अबकी बार यहां पर खरगे की राह आसान नहीं नजर आ रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के नेता तथा कार्यकर्ता खरगे को कोलार आरक्षित सीट से चुनाव लडऩे की मांग कर रहे हैं। उधर कलबुर्गी में सत्ता विरोधी माहौल को देखते हुए यह क्षेत्र मल्लिकार्जुन खरगे के लिए सुरक्षित नहीं माना जा रहा है।


कोलार (आरक्षित) लोकसभा क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री के.एच. मुनियप्पा ने सात बार जीत हासिल की है। इस क्षेत्र में मुनियप्पा के खिलाफ स्थानीय कांग्रेस विधायक नाराज हैं। यहां के कांग्रेस नेता नहीं चाहते हैं कि मुनियप्पा को इस बार यहां से टिकट मिले, ऐसे नेता ही लामबंद होकर मल्लिकार्जुन खरगे पर कोलार लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए दबाव ला रहे हैं।


कोलार जिले के 5 विधायक मुनियप्पा के खिलाफ
बताया जाता है कोलार जिले में कांग्रेस के 6 विधायक होने के बावजूद मालूर के एक विधायक को छोडक़र अन्य 5 मुनियप्पा के खिलाफ हैं। मुनियप्पा से नाराज ऐसे विधायकों में विधान सभा अध्यक्ष के.आर. रमेशकुमार भी शामिल हैं। रमेशकुमार ही परोक्ष रूप से मुनियप्पा को चुनौती दे रहे हैं। माना जा रहा है कि एक सोची समझी रणनीति के तहत रमेश कुमार यहां पर आयोजित सरकारी कार्यक्रमों में जनता दल-एस तथा भाजपा के नेताओं को आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन मुनियप्पा को दूर रख रहे हैं।

कलबुर्गी के मतदाता ही मेरे लिए असली देवी-देवता: खरगे
वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे ने क्षेत्र बदलने की तमाम अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वे अपने कलबुर्गी क्षेत्र को नहीं बदलेंगे। कोलार से चुनाव लडऩे की चर्चाएं सत्य से परे हैं।


उन्होंने गुरुवार को कलबुर्गी में कहा कि चर्चाएं उछाली जा रही हैं कि कलबुर्गी में उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर होने के कारण वे इस बार कोलार से चुनाव लडऩे जा रहे हैं। मगर यह सब बेबुनियाद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कलबुर्गी मेरी जन्मभूमि है। मेरा लालन-पालन कलबुर्गी के लोगों के बीच हुआ है। कलबुर्गी के मतदाता ही मेरे लिए असली देवी-देवता हैं। चुनाव में ये देवी-देवता मेरा समर्थन करते हैं या नहीं करते हैं, परंतु वे दूसरी सीट से चुनाव लडऩे के बारे में कभी नहीं सोचेंगे।


मोदी चुनावी वादे पूरे करने में विफल
खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले जनता से किए वादों को पूरा करने में बुरी तरह से विफल रहे हैं। लिहाजा उनको झूठ बोलना व लोगों को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए। मोदी बारहवीं सदी के समाज सुधारक बसवण्णा की शिक्षाओं के बारे में बोलते हैं, जिन्होंने यह भी कहा था कि कभी क्रोध नहीं करें, दूसरों से घृणा नहीं करें, अपनी प्रशंसा खुद नहीं करें और दूसरों की आलोचना नहीं करें। पर मोदी ने ये सिद्धांत आचरण में नहीं उतारे हैं।


अनिल अंबानी जैसे लोग केंद्र के समर्थक
मोदी पर संसद में उनके सवालों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए खरगे ने कहा कि कल ही उच्चतम न्यायालय ने अनिल अंबानी को दोषी ठहराते हुए 450 करोड़ रुपए का भुगतान करने वरना जेल जाने को कहा है। इस तरह के लोग केंद्र सरकार का समर्थन किया करते हैं। मोदी कहते हैं कि नोटबंदी ने आतंकवाद की कमर तोड़ दी पर सवाल यह है कि सीआरपीएफ के सैनिकों पर हमले के पीछे किसका हाथ था।

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