जिनता बढ़ाया उससे ज्यादा घटाया
कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 3 जुलाई को पेश संशोधित बजट में 35 हजार करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी से पडऩे वाले भार को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर उपकर 2-2 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की थी। इससे , जिससे पेट्रोल 1.14 और डीजल 1.12 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया था। अब सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर उपकर में दो रुपए की कटौती की घोषणा की है। कुमारस्वामी की इस घोषणा से पहले सोमवार को बेंगलूरु में पेट्रोल का भाव 84.74 और डीजल 76.16 रुपए प्रति लीटर था।
कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 3 जुलाई को पेश संशोधित बजट में 35 हजार करोड़ रुपए की कृषि ऋण माफी से पडऩे वाले भार को कम करने के लिए डीजल और पेट्रोल पर उपकर 2-2 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की थी। इससे , जिससे पेट्रोल 1.14 और डीजल 1.12 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया था। अब सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर उपकर में दो रुपए की कटौती की घोषणा की है। कुमारस्वामी की इस घोषणा से पहले सोमवार को बेंगलूरु में पेट्रोल का भाव 84.74 और डीजल 76.16 रुपए प्रति लीटर था।
गौरतलब है कि पेट्रोल की कीमत 80 रुपए से अधिक होने के बाद से ही राज्य सरकार पर करों में कटौती के लिए दबाव है। पिछले सप्ताह कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार करों में कटौती नहीं करती है तो राज्य सरकार अपने स्तर पर कर में कमी कर जनता को राहत देने की कोशिश करेगी। पड़ोसी आंध्र प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान पहले ही पेट्रोल व डीजल पर करों में कटौती की घोषणा कर चुके हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान राजस्थान में वैट में 4 फीसदी की कमी की गई तो पश्चिम बंगाल में कटौती से डीजल-पेट्रोल एक रुपए लीटर सस्ता हुआ। आंध्र प्रदेश में करों में कटौती के बाद डीजल-पेट्रोल दो रुपए लीटर सस्ता हुआ।
तब कर दिया था मना
संशोधित बजट में उपकर बढ़ाए जाने का पूर्व मुख्यमंत्री और गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरामय्या ने विरोध किया था। सिद्धरामयया ने इसे लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई थी और पत्र लिखकर भी कुमारस्वामी से इसे वापस लेने की मांग की थी। हालांकि, कुमारस्वामी ने तब ऋण माफी का हवाला देकर वृद्धि वापस लेने से मना कर दिया था। पिछले एक महीने के दौरान लगातार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के बाद कुमारस्वामी करों में कटौती के लिए राजी हुए। बताया जाता है कि कांगे्रस आलाकमान भी चाहता था कि कर्नाटक में करों में कटौती हो क्योंकि पार्टी इस मसले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार को घेर रही है।
संशोधित बजट में उपकर बढ़ाए जाने का पूर्व मुख्यमंत्री और गठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्धरामय्या ने विरोध किया था। सिद्धरामयया ने इसे लेकर सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई थी और पत्र लिखकर भी कुमारस्वामी से इसे वापस लेने की मांग की थी। हालांकि, कुमारस्वामी ने तब ऋण माफी का हवाला देकर वृद्धि वापस लेने से मना कर दिया था। पिछले एक महीने के दौरान लगातार डीजल-पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के बाद कुमारस्वामी करों में कटौती के लिए राजी हुए। बताया जाता है कि कांगे्रस आलाकमान भी चाहता था कि कर्नाटक में करों में कटौती हो क्योंकि पार्टी इस मसले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार को घेर रही है।
केंद्र भी घटाए कर
कुमारस्वामी की घोषणा के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर डीजल-पेट्रोल पर केंद्रीय करों में कटौती नहीं करने को लेकर मोदी सरकार को घेरा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने कह कि राज्य में डीजल-पेट्रोल पर कटौती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर राज्य की ओर से दिया गया उपहार है। हम प्रधानमंत्री को बताना चाहते हैं कि वे भी करों में कटौती कर सकते हैं। अगर राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद जनता को राहत देने के लिए अपने करों में कटौती कर सकती है तो फिर केंद्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है।
कुमारस्वामी की घोषणा के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर डीजल-पेट्रोल पर केंद्रीय करों में कटौती नहीं करने को लेकर मोदी सरकार को घेरा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने कह कि राज्य में डीजल-पेट्रोल पर कटौती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर राज्य की ओर से दिया गया उपहार है। हम प्रधानमंत्री को बताना चाहते हैं कि वे भी करों में कटौती कर सकते हैं। अगर राज्य सरकार सीमित संसाधनों के बावजूद जनता को राहत देने के लिए अपने करों में कटौती कर सकती है तो फिर केंद्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती है।