शनि ग्रह को तेरह बार ढकेगा चंद्रमा
बैंगलोरPublished: Jan 30, 2019 11:05:25 pm
पांच ग्रहों के साथ बनेगी युति
शनि ग्रह को तेरह बार ढकेगा चंद्रमा
बेंगलूरु. वर्ष 2019 में चंद्रमा बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि सभी पांचों ग्रहों का आच्छादन करेगा लेकिन, चंद्रमा और शनि ग्रह की युति 13 बार होगी। इस युति में केवल निकटता ही नहीं बल्कि आच्छादन भी शामिल है, जिनमें चंद्रमा जब किसी ग्रह को ढकेगा तो विश्व के किसी न किसी कोने से आच्छादन देखा जा सकेगा।
भारतीय ताराभौतिकी संस्थान के प्रोफेसर (सेनि) रमेश कपूर ने बताया कि चंद्रमा की गति आकाश में ऐसी है कि अपने व्यास के बराबर का कोण 33 मिनट में पूरा कर लेता है। अत: यदि कहीं आच्छादन होता भी है तो वह 33 मिनट या उससे कम होगा। आच्छादन की स्थिति कितनी देर रहेगी यह इस बात पर निर्भर है कि ग्रह और पृथ्वी के केंद्र की रेखा के सापेक्ष चंद्रमा का गोला कहां पड़ता है। यदि किसी स्थान से आच्छादन नहीं दिखाई देता है तो चंद्रमा को ग्रह के बेहद निकटता में नजदीक से देखा जा सकेगा। यह भी कम दिलचस्प नहीं होगा।
शनि और बृहस्पति के आच्छादन दिलचस्प
प्रोफेसर कपूर ने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप या हिंद महासागर से इस वर्ष देखे जाने वाले निकट युति या आच्छादन इस प्रकार हैं। 31 जनवरी को शुक्र ग्रह, 5 फरवरी को बुध ग्रह, 29 मार्च को शनि ग्रह, 4 जुलाई को मंगल ग्रह, 2 नवम्बर को शनि ग्रह, 28 नवम्बर को बृहस्पति ग्रह और 26 दिसम्बर को बृहस्पति ग्रह। शनि के आच्छादनों की शृंखला 9 दिसम्बर 2018 को हुई। इस वर्ष शनि का पहला आच्छादन 5 जनवरी को हो चुका है। इस शृंखला का आखिरी आच्छादन 29 नवम्बर 2019 को होगा। यहां सबसे दिलचस्पी के दो आच्छादन शनि और बृहस्पति के हैं। इनमें पहला है 29 मार्च का शनि का आच्छादन जो दक्षिण भारत से दिखाई देगा।
सूर्यग्रहण के बाद बृहस्पति को आच्छादित करेगा चंद्रमा
दूसरा रोमांचक आच्छादन बृहस्पति का है जो 26 दिसम्बर को होगा, लेकिन उसे देख पाना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि तब बृहस्पति ग्रह सूर्य के 1 डिग्री पूर्व में होगा। संयोग की बात यह है कि आच्छादन से कुछ ही समय पहले सूर्य का कंकण ग्रहण लगेगा। इस कंकण ग्रहण का पथ दक्षिण भारत और श्रीलंका से होकर गुजरेगा। उदाहरण के तौर पर कोयम्बटूर में सूर्य ग्रहण सुबह 8 .06 बजे शुरू होगा और 11.11 बजे समाप्त होगा। जबकि, बृहस्पति का आच्छादन दोपहर में करीब डेढ़ बजे होगा। सरल सी बात है सूर्य का ग्रहण लगाने के बाद अपने पथ में अग्रसर चंद्रमा बृहस्पति ग्रह का आच्छादन करने के लिए आगे बढ़ रहा होगा। अपने पथ में चलता चंद्रमा भारतीय समयानुसार दिन में करीब डेढ़ बजे बृहस्पति का आच्छादन करेगा।