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कांग्रेेस के प्रदर्शन से नदारद रहे मंत्री और विधायक

locationबैंगलोरPublished: Oct 27, 2018 10:00:43 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

सीबीआइ कार्यालय के सामने धरना

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कांग्रेेस के प्रदर्शन से नदारद रहे मंत्री और विधायक

बेंगलूरु. केंद्र सरकार के सीबीआइ के दुरुपयोग के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा सीबीआइ कार्यालय के सामने किए गए विरोध प्रदर्शन में न तो पार्टी के विधायकों ने भाग लिया, ना कार्यकर्ताओं ने भाग लेने में रुचि दिखाई।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर शुक्रवार को राज्य के प्रबारी के.सी. वेणुगोपाल की अगुवाई में शहर में सीबीआई कार्यालय के सामने विशाल विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई गई थी लेकिन पार्टी के किसी बी विदायक या मंत्री ने इस तरफ पलटकर तक नहीं देखा।
हकीकत यह है कि पार्टी के अनेक दिग्गज विधायकों ने राजधानी में होने के बावजूद वेणुगोपाल की एक नहीं सुनी। विरोध प्रदर्शन में गिनती के चंद कार्यकर्ताओं को देखकर शर्मसार हुए वेणुगोपाल ने जल्द ही कार्यक्रम को निपटाया और चले गए।
हालांकि, राज्य में पांच सीटों के चुनाव हो रहे हैं लेकिन कांग्रेस तो केवल दो सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है शेष सीटों पर जद-एस के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन चुनाव-प्रचार का बहाना बनाकर शहर में होने के बावजूद पार्टी का कोई विधायक इस धरने में भाग लेने ही नहीं आया।
खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किए गए इस विरोध प्रदर्शन में उप मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर सहित कुमारस्वामी की सरकार में शामिल कांग्रेस का कोई भी मंत्री भाग लेने नहीं आया।
सुबह 11 बजे यह विरोध प्रदर्शन किया जाना था लेकिन कार्यकर्ताओं के बहुत कम संख्या में पहुंचने के कारण यह धरना विलंब से शुरू हुआ। आयोजकों ने इस पर सफाई दी कि इस कार्यक्रम के बारे में नेताओं व कार्यकर्ताओं को सही तरह से सूचित नहीं किए जाने के कारण कम संख्या में ही लोग आए। इस धरने में वेणुगोपाल के अलावा बीएल शंकर, बीआर सुदर्शन तथा एबी मालक रेड्डी जैसे चर्चित चेहरों के अलावा कोई नामवर नेता नजर नहीं आया।

सीबीआइ के दुरुपयोग पर मोदी माफी मांगें
बेंगलूरु. पार्टी मामलों के प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का गलत इस्तेमाल किया है, इसलिए उन्हेें देश से माफी मांगनी चाहिए।
उहोंने शुक्रवार को कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के साथ बल्लारी रोड स्थित सीबीआइ कार्यालय के सामने धरने देने का बाद मीडिया से कहा कि सीबीआइ ने रफाल मामले में भ्रष्टाचार से संबंधित जांच के लिए दस्तावेजों खोजने के कारण सीबीआइ के निदेशक आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेेजा गया। वर्मा को हत्या की धमकियां मिल रही हैं।
इसलिए वर्मा ने अतिरिक्त सुरक्षा मांगी है। सीबीआइ की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए मोदी के माफी मांगने तक कांग्रेस लगातार आंदोलन करेगी। केंद्र सरकार को सीबीआइ के निदेशक को हटाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने ने कहा कि रफाल खरीदी में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए यह सारा नाटक किया गया। इन सभी घटनाओं से स्पष्ट है कि मोदी भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने में विफल रहे है।
मोदी ने देश को लूटने वाले उद्योगपतियों की रक्षा की और उन्हें देश से भागने में सहायता की है। हाल के घटनाक्रम के बाद नागरिकों का सीबीआइ संस्था पर जो विश्वास था, वह खत्म हो गया है। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष बी.एल.शंकर, विधान परिषद के पूर्व सभापति वी. आर. सुदर्शन उपस्थित थे।

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