मेट्रो रेल निगम के अधिकारियों का कहना यलहंका में वायुसैनिक अड्डे के पास रणनीतिक कारणों से एलिवेटेड ट्रैक नहीं बनाया जा सकता है। अधिक ऊंचाई पर ट्रैक बनाने से वायुसैनिक अड्डे से विमानों के परिचालन में दिक्कत होगी। अगर यहां भूमिगत ट्रैक बनाया जाता है तो उस पर काफी खर्च आएगा। दोनों कारणों का विश£ेषण करने के बाद यलहंका वायुसैनिक अड्डे के पास भूतल स्तर (ग्रेड लेवल) पर ट्रैक बनाने पर विचार किया जा रहा है।
खुले आसमान में नहीं होगा
मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि भूतल स्तर पर ट्रैक होने के बाद वह खुले आसमान के नीचे नहीं होगा। उसे पूरी तरह से घेरा जाएगा। मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला कहते हैं कि यलहंका वायुसैनिक अड्डे को छोडक़र नागवारा से लेकर हवाई अड्डे तक का पूरा खंड ऐलिवेटेड ही होगा। उस जगह पर हम भूतल स्तर पर कॉरिडोर बनाने पर विचार कर रहे हैं। खरोला ने कहा कि यह कोई नई चीज नहीं है और कई शहरों में ऐसा है।
सुरंग में सफर जैसा होगा अहसास
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि भूतल पर ट्रैक होने के बावजूद यात्रियों को सुरंग में सफर करने जैसा ही अहसास होगा। भूतल ट्रैक वाले हिस्से को हर तरफ से घेरा जाएगा, वह खुला नहीं होगा। ऐसा मेट्रो परिसर में किसी तरह के अवांछित प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से किया जाएगा। मेट्रो के दूसरे चरण (ए) के बाहरी रिंग रेाड पर प्रस्तावित के.आर. पुरम और सिल्का बोर्ड खंड और दूसरे चरण (बी) नागवारा-हवाई अड्डा खंड के विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर केंद्र सरकार की देश के लिए तैयार नई मेट्रो नीति के तहत विचार किया जाएगा, जो पिछले पखवाड़े मंजूर हुई थी।
निर्माण कार्य होगी चुनौती
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि योजना अभी प्रारंभिक स्तर पर है और उसे क्रियान्वित करने के लिए आवश्यक कदम तय किए जा रहे हैं। वायुसैनिक अड्डे के पास मेट्रो का टै्रक भूतल पर सडक़ के समानांतर होगा इसलिए यातायात में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी लिहाजा यहां रेलवे की तरह लेवल क्रॉसिंग बनाने की जरुरत भी नहीं पड़ेगी। खरोला ने कहा कि अब अभी अंतिम रिपोर्ट तैयार करने का काम चल रहा है जो अगले कुछ सप्ताह में पूरा हो जाएगा। हालांकि, इसके लिए कोई समय सीमा बताने से उन्होंने इनकार कर दिया।
रैयत दशहरा कार्यक्रम जारी
गौरतलब है कि इस साल मई में राज्य सरकार ने नागवारा से हवाई अड्डे तक मेट्रो निर्माण के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। यह खंड लगभग ३० किलोमीटर लंबा होगा। यह खंड राष्ट्रीय उच्च पथ-४४ (बल्लारी रोड) के बराबरी में होगा और हेगड़े नगर, जक्कूर और यलहंका से गुजरेगा।