मंगलवार को कलबुर्गी (गुलबर्गा) में पत्रकारों से बातचीत करते हुए खरगे ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता, नेताओं और जमीनी स्तर पर कार्य करने वालों ने अलग जानकारी दी है। समीक्षाओं में जो कहा गया है उसके हिसाब से राज्य में इतनी कम सीट हमें कभी भी नहीं मिली हैं। एग्जिट पोल के निष्कर्ष अतिरंजित हैं। हमें कलबुर्गी समेत सभी जगहों पर अधिक संख्या में जीतने का विश्वास है।
खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव की घोषणा के दिन से ही कहते आए हैं कि देश भर में कांग्रेस 40 सीट भी पार नहीं करेगी। किस आधार पर वे इस प्रकार के बयान दे रहे हैं। क्या करवाया है पता नहीं है। हार-जीत दूसरा मुद्दा है परन्तु इस प्रकार के बयान में कोई गोलमाल है।
खरगे ने कहा कि मोदी की प्रचार रैलियों को सुविधा उपलब्ध करने के उद्देश्य से सात चरणों में मतदान कराया गया है। इतना लंबा चुनाव कराने की जरूरत नहीं थी। पूर्व में भी एक-दो दिन में चुनाव संपन्न कराने के उदाहरण हैं। ऐसे में ढ़ाई माह का समय लेना सही नहीं है।
खरगे ने कहा कि आखिरी चरण के मतदान के दौरान मोदी बदरीनाथ मंदिर गए हैं। हाथ में लाठी लेकर, शॉल ओढक़र नाटक किया है। फोटो ग्राफरों को खुद निर्देशदिया है। यह हृदय से आई आध्यात्म भावना नहीं है। मोदी तथा अमित शाह ने कई बार आचार संहिता का उल्लंघन किया है परन्तु इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। निर्वाचन आयोग ने सौतेला बर्ताव किया है। एक को एक कानून दूसरे को दूसरा कानून के तहत कार्य किया है। इस बारे में खुद आयोग में ही आरोप सुनाई दे रहे हैं। इतके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
एक समीक्षा संस्था की ओर से कलबुर्गी में भाजपा की जीत के बारे किए गए बयान पर खरगे ने कहा कि कहां कहां क्या क्या हुआ है पता नहीं है। हमने जो काम किया है उसे बताकर चुनाव का सामना किया है। कार्य करने वालों को हराते हैं कहेंगे तो कैसे चलेगा। हारने के लिए कारण भी तो चाहिए। बिना कारण हरेंगे कहने का क्या अर्थ है। हम सब की किस्मत अब ईवीएम में बंद है। एकऔर दिन इंतजार करने के बाद नतीजे सामने आएंगे।
रोशन बेग की आरोप सही नहीं
खरगे ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बारे में रोषन बेग की ओर से लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता होकर इस प्रकार से बयानबाजी करना सही नहीं है। इस प्रकार से करने से ही देश में कांग्रेस धराशाही हुई है। ऐसा ही जारी रहा तो देश में कांग्रेस का बच पाना मुश्किल है। पार्टी को एक बार नुकसान होने पर इसे ठीक करने के लिए कई दिन चाहिए। उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या हुई है तो आला कमान के ध्यान में लाना चाहिए था। मीडिया के सामने जाने से पूर्व थोड़ा विचार करना चाहिए था परन्तु सीधे तौर पर आरोप लगाना सही नहीं है।