इसके पहले अब तक जो सिग्रल काम कर रहे थे वे निश्चित समय अवधि प्रणाली वाले थे। इन्हें अगर बदलना होता था तो निर्धारित समय अवधि तय करनी पड़ती थी। साथ ही इन सिग्रलों में कोई केन्द्रीयकृत उपकरण भी नहीं था जो इंटेलीजेंश बॉक्स से जुड़ा हो। इस कारण सड़कों के पूरी तरह से यातायात मुक्त भी होने पर भी ये सिग्रल अपनी निर्धारित अवधि में ही हरे होते थे और वाहन चालकों को बेवजह सिग्रल पर रुकना होता था।
नवीनतम तकनीक वाले नए यातायात सिग्नल सड़क पर यातायात दबाव का आकलन कर लेंगे और स्वत: लाल और हरे हो जाएंगे। वहीं केन्द्रीयकृत नियंत्रण कक्ष से आपातकालीन वाहनों और वीवीआइपी वाहनों के लिए विशेष ग्रीन कॉरिडोर भी बनाने में मदद मिलेगी। इन सिग्रलों को स्वचालित के अतिरिक्त आवश्यकता अनुरूप मैन्युअल तरीके से भी नियंत्रित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था को उन्नत और सुगम बनाने की दिशा में नवीनतम तकनीक वाले यातायात सिग्रल आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव लाने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था को उन्नत और सुगम बनाने की दिशा में नवीनतम तकनीक वाले यातायात सिग्रल आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव लाने में सक्षम होगा।
औद्योगिक और नवाचार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए नौ जिलों की पहचान
मैसूरु. प्रदेश में औद्योगिक और नवाचार क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने नौ जिलों की पहचान की है। इसके तहत विभिन्न जिलों में लागू किए जाने वाले कार्यक्रमों में सौर ऊर्जा उत्पादों के निर्माण के लिए कलबुर्गी, एलइडी के निर्माण के लिए चित्रदुर्गा, स्वच्छता सामानों के विनिर्माण के लिए हासन, मशीनीकृत खिलौनों के विनिर्माण के लिए कोप्पल, आइसीबी विनिर्माण इकाई के लिए मैसूरु, वस्त्र उद्योग के लिए बल्लारी, मोबाइल फोन पुर्जों के लिए चिक्कबल्लापुर, खेल उपकरण और फिटनेस सामान के लिए तुमकूरु और कृषि उपकरणों के निर्माण के लिए बीदर को चुना गया है। हर समूह के लिए विजन समूह स्थापित किए जाएंगे, जिसमें उद्योग के विशेषज्ञ शामिल होंगे। प्रदेश के बड़े और मध्यम उद्योग मंत्री केजे जॉर्ज ने बुधवार को एक बैठक में इसकी जानकारी दी।