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फिर चला सिद्धू का सिक्का

locationबैंगलोरPublished: Dec 23, 2018 09:22:38 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

8 में से 4 विश्वासपात्रों को बनवाया मंत्री

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फिर चला सिद्धू का सिक्का

बेंगलूरु. राजभवन के ग्लास हाउस में नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान भले ही मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री डॉ.जी.परमेश्वर राज्यपाल के साथ अगल-बगल मंच पर आसीन थे मगर मंत्रिमंडल विस्तार के असली नायक पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या रहे। दरअसल, मंत्रिमंडल में शामिल किए गए कुल आठ में से अपने पसंदीदा 4 विधायकों को कैबिनेट में शामिल कराकर सिद्धरामय्या ने साबित कर दिया कि प्रदेश कांग्रेस में उन्हीं का सिक्का चलता है। न सिर्फ आलाकमान से उनके रिश्ते अच्छे हैं बल्कि उनके नेतृत्व को अभी चुनौती नहीं मिली है। हालांकि, विधान परिषद के सभापति पद पर प्रताप शेट्टी के चुनाव से असंतुष्ट खेमा यह दावा करने लगा था कि अलाकमान की नजर में सिद्धरामय्या का कद घटा है लेकिन कैबिनेट विस्तार में अपनी बात मनवाकर उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है उनके विरोधियों के लिए दिल्ली अभी दूर है। कैबिनेट में जो आठ नए चेहरे शामिल हुए उनमें एमबी पाटिल और सतीश जारकीहोली सिद्धरामय्या के पुराने विश्वासपात्र हैं। उनके अलावा दो कुरुबा नेता सीएएस शिवल्ली और एमटीबी नागराज का चयन भी सिद्धरामय्या की मुहर लगने से ही हुआ। हालांकि, पूर्व जल संसाधन मंत्री व लिंगायत नेता मंत्री एमबी पाटिल कांग्रेस आलाकमान के पसंदीदा चेहरे नहीं थे क्योंकि अलग अल्पसंख्यक लिंगायत धर्म के मुद्दे पर पार्टी के लिए वोट हासिल करने में नाकाम साबित हुए। उनके चयन से कई वरिष्ठ नेताओं की त्यौरियां चढ़ गईं लेकिन सिद्धरामय्या ने निर्णायक भूमिका निभाते हुए बीसी पाटिल की जगह अपने इस विश्वासपात्र नेता के लिए कैबिनेट में स्थान सुनिश्चित करा दिया। इसी तरह सतीश जारकीहोली ने बादामी में सिद्धरामय्या की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। लोकसभा उप चुनाव में भाजपा से बल्लारी का किला छीनने के बाद अपनी उपस्थिति मजबूत करते हुए दो विधायकों को मंत्री पद दिया गया। पीटी परमेश्वर नायक और ई. तुकाराम को कैबिनेट में जगह दी गई। हालांकि, रहीम खान के नाम ने हर किसी को चौंका दिया। यह नाम वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे किया था।
न मंत्री, न निगम का पद : जद-एस के विधायक मायूस
शनिवार को जनता दल-एस के किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया तथा निगमों के अध्यक्ष पद के लिए चयन किया गया, इसके कारण पार्टी के विधायक मायूस नजर आए।
जद-एस के कोटे की मंत्रिमंडल में दो सीटों के लिए कई दावेदार होने के कारण इन दो मंत्रियों का चयन करना पार्टी के लिए सिरदर्द बना है। इन दो पदों के लिए विधान परिषद सदस्य बसवराज होरट्टी, बी.एम. फारूक, सकलेशपुर के विधायक एच.के. कुमारस्वामी, विधायक डॉ. अन्नदानी समेत कई दावेदार हैं। इस मामले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लोक निर्माण मंत्री एच. डी. रेवण्णा ने कहा कि यह पद कब भरे जाएंगे, इस मामले को लेकर उनके पास कोई जानकारी नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एच.डी. देवेगौड़ा तथा मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ही फैसला करेंगे। बताया जाता है कि मकर संक्रांति के पश्चात ही पार्टी इन दो मंत्रियों का चयन करेगी।

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