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कुमारस्वामी ने दिए ईंधन पर राज्य कर घटाने के संकेत

locationबैंगलोरPublished: Sep 13, 2018 12:45:16 am

Submitted by:

arun Kumar

कोडुगू व तटीय जिलों में राहत व पुनर्वास के लिए 2000 करोड़ की केन्द्रीय सहायता की मांग

Kumaraswamy signs down on state fuel tax reduction

Kumaraswamy signs down on state fuel tax reduction

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को संकेत दिए कि वे वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद राज्य सरकार द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जा रहे करों में कटौती करने के बारे में विचार करेंगे।
राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्य के लिए केन्द्रीय सहायता की मांग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि वे पेट्रोल व डीजल पर लगाए जा रहे राज्य करों में कटौती करने के संबंध में जल्द ही किसी निर्णय पर पहुंचेंगे। मोटर ईंधन पर राज्य द्वारा लगाए जा रहे करों को घटाने के तौर तरीकों के बारे में वे विमर्श करेंगे। हालांकि, केन्द्र सरकार ने मोटर ईंधन पर केन्द्रीय करों में कटौती करने की संभावना से इनकार किया है। भाजपा नेता बी.एस. येड्डियूरप्पा ने भी उनको पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य के करों में कटौती करने की सलाह दी है।
केन्द्र सरकार के करों में कटौती करने के इनकार के बावजूद वे उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। वे जल्द ही इस बारे में निर्णय करेंगे।
इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से मिलकर कोडुगू व तटीय जिलों में हुई क्षति के से राहत व पुनर्वास कार्य के लिए 2000 करोड़ रुपएकी केन्द्रीय सहायता की मांग की है और अब देखना है कि केन्द्र सरकार क्या करती है।
राज्य सरकार के कृषि ऋण माफी योजना की घोषणा करने के बावजूद बैंकों के किसानों को नोटिस भेेजने के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही बैंक अधिकारियों को ऐसा नहीं करने के लिए निर्देश दे दिए हैं। फिर भी यदि ऐसा हो रहा है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
राज्य के 86 तालुक सूखा प्रभावित: देशपांडे
बेंगलूरु. राजस्व मंत्री आर.वी. देशपांडे ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक राज्य के 23 जिलों के 86 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। देशपांडे ने मंगलवार को सूखा पर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद कहा कि सूखा प्रभावित तालुकों में पेयजल व पशुचारे की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 58 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यहां विधायकों के नेतृत्व में कार्यबल का गठन कर नलकूप खुदवाने के लिए हरेक तालुक को 50 लाख रुपए का अनुदान दिया है। राजस्व विभाग से खुदवाए नलकूप के लिए विद्युतीकरण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अलग से धन जारी किया गया है। उपसमिति की बैठक में इन तालुकों में हुए फसलों के नुकसान के बारे में रिपोर्ट पेश करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। कृषि, बागवानी, राजस्व, पशुपालन, पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को फसलों के नुकसान, पेयजल की किल्लत तथा पशुचारे की कमी के बारे में संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
इस बारे में विवरण मिल जाने के बाद केन्द्र सरकार को सूखे के कारण फसलों को को पहुंचे नुकसान के बारे में फिर से रिपोर्ट पेश की जाएगी। बारिश की कमी के कारण राज्य में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी कृषि व बागवानी की फसलें सूख गई हैं और इसकी वजह से कुछ 8000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। सूखे के हालात के कारण पेयजल व पशुुचारे का संकट गहराने लगा है और ग्रामीण रोजगार पर भी इसका बुरा असर हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीसे भेंट के दौरान राज्य में अतिवृष्टि व अनावृष्टि के कारण कुल 12 हजार करोड़ रुपए की क्षति का पूर्ण विवरण पेश किया गया। देशपांडे ने कहा कि हमारी अपील पर मंगलवार को विशेषज्ञों के दो दलों को राज्य में नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। इनमें से पहली टीम 12 व 13 सितम्बर को कोडुगू जिले में बाढ़़ व भू-स्खलन के कारण हुए नुकसान का अध्ययन करेगा, जबकि अधिकारियों की दूसरी टीम राज्य के तटीय जिलों व हासन जिले में हुए नुकसान का जायजा लेगी। इसके बाद दोनों टीमों के सदस्य 14 सितम्बर को राज्य के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
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