राज्य के 86 तालुक सूखा प्रभावित: देशपांडे
बेंगलूरु. राजस्व मंत्री आर.वी. देशपांडे ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक राज्य के 23 जिलों के 86 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। देशपांडे ने मंगलवार को सूखा पर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद कहा कि सूखा प्रभावित तालुकों में पेयजल व पशुचारे की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 58 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यहां विधायकों के नेतृत्व में कार्यबल का गठन कर नलकूप खुदवाने के लिए हरेक तालुक को 50 लाख रुपए का अनुदान दिया है। राजस्व विभाग से खुदवाए नलकूप के लिए विद्युतीकरण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अलग से धन जारी किया गया है। उपसमिति की बैठक में इन तालुकों में हुए फसलों के नुकसान के बारे में रिपोर्ट पेश करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। कृषि, बागवानी, राजस्व, पशुपालन, पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को फसलों के नुकसान, पेयजल की किल्लत तथा पशुचारे की कमी के बारे में संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
इस बारे में विवरण मिल जाने के बाद केन्द्र सरकार को सूखे के कारण फसलों को को पहुंचे नुकसान के बारे में फिर से रिपोर्ट पेश की जाएगी। बारिश की कमी के कारण राज्य में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी कृषि व बागवानी की फसलें सूख गई हैं और इसकी वजह से कुछ 8000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। सूखे के हालात के कारण पेयजल व पशुुचारे का संकट गहराने लगा है और ग्रामीण रोजगार पर भी इसका बुरा असर हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीसे भेंट के दौरान राज्य में अतिवृष्टि व अनावृष्टि के कारण कुल 12 हजार करोड़ रुपए की क्षति का पूर्ण विवरण पेश किया गया। देशपांडे ने कहा कि हमारी अपील पर मंगलवार को विशेषज्ञों के दो दलों को राज्य में नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। इनमें से पहली टीम 12 व 13 सितम्बर को कोडुगू जिले में बाढ़़ व भू-स्खलन के कारण हुए नुकसान का अध्ययन करेगा, जबकि अधिकारियों की दूसरी टीम राज्य के तटीय जिलों व हासन जिले में हुए नुकसान का जायजा लेगी। इसके बाद दोनों टीमों के सदस्य 14 सितम्बर को राज्य के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।
बेंगलूरु. राजस्व मंत्री आर.वी. देशपांडे ने कहा है कि केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक राज्य के 23 जिलों के 86 तालुकों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। देशपांडे ने मंगलवार को सूखा पर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक के बाद कहा कि सूखा प्रभावित तालुकों में पेयजल व पशुचारे की समस्या को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 58 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यहां विधायकों के नेतृत्व में कार्यबल का गठन कर नलकूप खुदवाने के लिए हरेक तालुक को 50 लाख रुपए का अनुदान दिया है। राजस्व विभाग से खुदवाए नलकूप के लिए विद्युतीकरण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए अलग से धन जारी किया गया है। उपसमिति की बैठक में इन तालुकों में हुए फसलों के नुकसान के बारे में रिपोर्ट पेश करने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। कृषि, बागवानी, राजस्व, पशुपालन, पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को फसलों के नुकसान, पेयजल की किल्लत तथा पशुचारे की कमी के बारे में संयुक्त सर्वे कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
इस बारे में विवरण मिल जाने के बाद केन्द्र सरकार को सूखे के कारण फसलों को को पहुंचे नुकसान के बारे में फिर से रिपोर्ट पेश की जाएगी। बारिश की कमी के कारण राज्य में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में खड़ी कृषि व बागवानी की फसलें सूख गई हैं और इसकी वजह से कुछ 8000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है। सूखे के हालात के कारण पेयजल व पशुुचारे का संकट गहराने लगा है और ग्रामीण रोजगार पर भी इसका बुरा असर हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीसे भेंट के दौरान राज्य में अतिवृष्टि व अनावृष्टि के कारण कुल 12 हजार करोड़ रुपए की क्षति का पूर्ण विवरण पेश किया गया। देशपांडे ने कहा कि हमारी अपील पर मंगलवार को विशेषज्ञों के दो दलों को राज्य में नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजा गया है। इनमें से पहली टीम 12 व 13 सितम्बर को कोडुगू जिले में बाढ़़ व भू-स्खलन के कारण हुए नुकसान का अध्ययन करेगा, जबकि अधिकारियों की दूसरी टीम राज्य के तटीय जिलों व हासन जिले में हुए नुकसान का जायजा लेगी। इसके बाद दोनों टीमों के सदस्य 14 सितम्बर को राज्य के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद केन्द्र सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।