इस योजना के आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र सौ फीट से ज्यादा ऊंची कावेरी माता की प्रतिमा होगी। इसके अलावा गगनचुंबी शीशमहल और एक संग्रहालय भी बनाए जाएंगे। जलसंसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को इस योजना के संबंध में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। सरकार की योजना है कि वृंदावन गार्डन में नौका विहार के मौजूदा सरोवर के पास एक और सरोवर निर्मित किया जाएगा।
उसमें 125 फीट ऊंची कावेरी की प्रतिमा बनाने के साथ ही वहां 360 फीट ऊंचे दो शीशमहल, बैंड स्टैंड और एक इंडोर स्टेडियम भी बनाया जाएगा। एक संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें केआरसागर, मैसूरु तथा कर्नाटक की ऐतिहासिक कलात्मक व प्राच्य वस्तुओं को प्रदिर्शत किया जाएगा।
बैठक में जयपुर के सिंसियर आर्किटेक्ट कंसल्टेंट कंपनी ने येाजना के संबंध में एक विडियो प्रस्तुतिकरण दिया। शिवकुमार ने इसे देखने के बाद अपन ओर से भी कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का मकसद वृंदावन गार्डन के मौजूदा स्वरूप को बदले बगैर इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है।
बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक इस योजना पर 1200 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। लेकिन जगह उपलब्ध कराने के अलावा राज्य सरकार इस परियोजना पर धन खर्च नहीं करेगी। बैठक में कहा गया कि वैश्विक निविदा के जरिए विश्वस्तरीय कंपनी को ठेका दिया जाएगा। निविदा में भाग लेने वाली कंपनी आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो और कलात्मक डिजायनिंग में विश्व स्तरीय निपुणता प्राप्त होनी चाहिए।
फिलहाल राज्य सरकार को केआरएस से सालाना 6 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। राज्य सरकार ने नई योजना के तहत सालाना 300 करोड़ रुपए की आय अर्जित करने और रख-रखाव के खर्च के बाद सरकार को हर साल 30 करोड़ रुपए की आय होने की उम्मीद है। योजना दो साल में पूरी की जाएगी।
20 नवंबर को होने वाली कावेरी नीरावरी निगम की इंद्राज निरीक्षण समिति की बैठक में परियोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद कावेरी नीरावरी निगम के प्रशासनिक बोर्ड की बैठक, राज्य सरकार की उच्च-स्तरीय बैठकों में विस्तार से चर्चा के बाद मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजना का अनुमोदन किया जाएगा।
बैठक में पर्यटन मंत्री एस. आर. महेश, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. एस. सुब्रमण्या, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव राकेश सिंह, सचिव जयप्रकाश, पर्यटन सचिव अनिल कुमार कावेरी नीरावरी निगम के प्रबंध निदेशक एच.एल. प्रसन्ना सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।