scriptकेइए घटाएगा इंजीनियरिंग की सीटें ! | KEA will reduce engineering seats | Patrika News

केइए घटाएगा इंजीनियरिंग की सीटें !

locationबैंगलोरPublished: Jan 15, 2019 09:09:34 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

यूवीसीइ सहित कई अन्य सरकारी और निजी कॉलेज होंगे प्रभावित

engineering

केइए घटाएगा इंजीनियरिंग की सीटें !

बेंगलूरु. कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केइए) ने प्रदेश के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटों की संख्या कम करने के संकेत दिए हैं।
बेंगलूरु विवि के अंतर्गत संचालित यूनिवर्सिटी विश्वेश्वरैय्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (यूवीसीइ) सहित कई अन्य सरकारी और निजी कॉलेज प्रभावित होंगे। सरकारी कोटे की सीटें घटने पर हजारों विद्यार्थियों को निजी कॉलेजों में जाना पड़ेगा क्योंकि सरकारी कोटे की सीटें पहले से ही कम हैं।
केइए के अधिकारियों के अनुसार प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रोफेसरों की भारी कमी है। शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसके कारण अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने सीटें घटाने को लेकर दबाव बना रखा है। एआइसीटीइ ने यूवीसीइ सहित कई कॉलेजों को चेताया भी है। यूवीसीइ में प्रोफसरों के 190 पदों में से 98 पद रिक्त हैं। एआइसीटीइ ने पदों को भरने या सीटों को 10 फीसदी तक कम करने की बात कही है। उच्च शिक्षा मंत्री जीटी देवेगौड़ा ने बताया कि प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। शिक्षा विभाग ने 3800 प्रोफेसरों को नियुक्त करने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है।
ज्यादा से ज्यादा सीटें बचाने की कोशिश
यूवीसीइ के पूर्व प्राचार्य प्रो. के. आर. वेणुगोपाल ने कहा कि सीआई प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहा है। अतिथि प्रोफेसरों से काम चलाना पड़ रहा है। बावजूद इसके यूवीसीइ देश के बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। निजी कॉलजों में 1500-2000 सीटों मुकाबले यूवीसीइ में इंजीनियरिंग की 550 सीटे ही हैं। बड़ी संख्या में गरीब विद्यार्थी यहां पढ़ाई करते हैं। यूवीसीइ ज्यादा से ज्यादा सीटें बचाने की कोशिश करेगा।
विद्यार्थी हैं सीबीसीइ से असंतुष्ट
मैसूरु. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले मैसूरु विवि के सैकड़ों विद्यार्थियों ने सोमवार को विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली (सीबीसीइ) के खिलाफ प्रदर्शन किया। विवि प्रबंधन से सीबीसीइ पर स्पष्टीकरण मांगा। शहर सचिव गौतम ने कहा कि विवि ने प्रथम ग्रेड कॉलेजों में सीबीसीइ लागू कर रखा है। बिना तैयारी लागू किया गया है। शिक्षकों से लेकर विद्यार्थी तक में असमंजस की स्थित है। सीबीसीइ के कारण उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी हुई है। हजारों विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं। विद्यार्थी जानना चाहते हैं कि सीबीसीइ के तहत मूल्यांकन के मानक क्या हैं। कई मेधावी विद्यार्थी या तो फेल हो गए हैं या उन्हें बेहद कम अंकों से संतोष करना पड़ा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो