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मंदिरों से है जैन संस्कृति की पहचान : आचार्य मुक्तिसागर

locationबैंगलोरPublished: May 16, 2019 06:07:50 pm

Submitted by:

Priyadarshan Sharma

कुंथुनाथ जैन मंदिर मैसूरु की 22 वीं वर्षगांठ पर ध्वजारोहण

TEMPLE

मंदिरों से है जैन संस्कृति की पहचान : आचार्य मुक्तिसागर

मैसूरु. आचार्य मुक्तिसागरसूरि ने इट्टीकेगुड स्थित कुंथुनाथ जैन मंदिर की 22 वीं वर्षगांठ पर ध्वजारोहण के समय कहा कि समूचे विश्व में जैन धर्म और जैन संस्कृति की पहचान ही हमारे मंदिरों और उन पर लहराती इन ध्वजाओं से है।
इस देश में हर रोज हजारों टूरिस्ट आते हैं, विदेशी गोरे लोग आते हैं तो वे किसी उपाश्रय, आराधना भवन, सभाभवन या स्थानक को देखने नहीं जाते भले ही वे करोड़ों की कीमत के क्यूं न बने हों, मगर हमारे इन मंदिरों में जाते हंै, घंटों तक फोटो और विडियो शूटिंग करते रहते हैं।
पालीताणा, गिरनार, आबू देलवाड़ा, रणकपुर पर आपको प्राय: हर दिन विदेशी पर्यटक मिल जाएंगे। इसके पूर्व कुंथुनाथ भवन में प्रवचन हुए। ध्वजा का वरघोड़ा निकाला गया। महिला और बालिका मंडल ने गहूली कर अक्षत द्वारा ध्वजा और गुरुदेव को बधाया।
लाभार्थी मैनाबाई भंवरलाल रांका परिवार ने ध्वजारोहण किया। बाबूलाल मुणोत, हंसराज पगारिया, विमल भैसवाड़ा, डायालाल वोहरा, कांतिलाल पटवारी, पारसमल संघवी उपस्थित थे। आचार्य ने कहा कि गुरुवार को भी सुविधिनाथ जिनालय की वर्षगांठ पर सुबह 9.30 से 10.25 तक प्रवचन के बाद 10.30 ध्वजा के वरघोड़े के साथ ही वहां का ध्वजारोहण होगा।
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