scriptध्रूमपान का शौक पड़ सकता है महंगा | Hobbies can be expensive | Patrika News

ध्रूमपान का शौक पड़ सकता है महंगा

locationबैंगलोरPublished: Aug 10, 2017 11:14:00 pm

अगर आप धूम्रपान के आदि हैं तो उच्च रक्तचाप अन्य बीमारियों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। चूज लाइफ स्टडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान

Tremor

Tremor

बेंगलूरु . अगर आप धूम्रपान के आदि हैं तो उच्च रक्तचाप अन्य बीमारियों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। चूज लाइफ स्टडी की एक रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों (स्मोकर्स) में उच्च रक्तचाप की संभावना २०० गुना और मानसिक तनाव की संभावना १७८ फीसदी ज्यादा है।


इस अध्ययन में बेंगलूरु, मुम्बई, दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता के २५ से ५० आयु वर्ग के ऐसे १००० लोगों को शामिल किया गया जो दिन में १० से ज्यादा सिगरेट पीने के आदि थे। इनमें आधे लोग स्मोकर्स थे। बेंगलूरु के १९ फीसदी स्मोकर्स उच्च रक्तचाप के दूसरे चरण के चपेट में पाए गएं जो कि अन्य शहरों की तुलना में सर्वाधिक था।
छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. वी. कासरगोड ने बताया कि दिल्ली के ९० फीसदी स्मोकर्स के शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अत्याधिक पाई गई। मुम्बई के ७८ फीसदी स्मोकर्स ने कहा कि वे सिगरेट छोडऩा चाहते हैं। उन्होंने कोशिश भी की पर असफल रहे। लखनऊ के ६० फीसदी स्मोकर्स उच्च रक्तचाप के पहले चरण में थे। कोलकाता के ८० फीसदी स्मोकर्स ने कहा कि सिगरेट छोडऩे उनके लिए आसान नहीं है।


धूम्रपान के दुष्परिणामों से अवगत होने के बावजूद अध्ययन में शामिल ७४ फीसदी लोगों ने कहा कि उनके समक्ष धूम्रपान की लत छोडऩा एक बहुत बड़ी चुनौती है। ४ में से तीन स्मोकर्स ने माना कि बीमार होने के बावजूद वे धूम्रपान करते हैं। जबकि १० में से ८ लोगों ने बताया कि सुबह उठते ही उनकी शुरूआत सिगरेट से होती है।


कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा सामान्य ये अधिक थी। उच्च रक्तचाप व कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक होने से व्यक्ति विभिन्न शारीरिक व मानसिक बीमारियों की चपेट में आ जाता है। सर्वेक्षण में शामिल स्मोकर्स में से ९१ फीसदी को उनके चिकित्सकों ने धूम्रपान छोडऩे की सलाह दी थी। इनमें से ७५ फीसदी स्मोकर्स ने धूम्रपान छोडऩे की कोशिश की, लेकिन तीन महीने बाद फिर से शुरू कर दी।


८८ फीसदी स्मोकर्स ने माना कि उन्होंने २४ वर्ष की आयु से पहले सिगरेट शुरू किया। जबकि ५५ फीसदी स्मोकर्स ने बताया कि दिखावे के लिए उन्होंने सिगरेट शुरू किया था जो बाद में लत बन गई।


लीलावती अस्पताल के छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रहलाद प्रभुदेसाई ने बताया कि ज्यादातर स्मोकर्स सिगरेट के दुष्परिणामों से अवगत होने के बावजद धूम्रपान करते हैं। उन्हें लगता है कि सिगरेट पीने से वे तनावमुक्त होंगे। बेहतर काम कर सकेंगे पर ऐसा नहीं है। आम लोगों की तुलना में ये लोग ज्यादा मानसिक तनाव में रहते हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो