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बंडीपुर जंगल में आग से निपटने की व्यापक तैयारी

locationबैंगलोरPublished: Feb 22, 2019 02:17:12 am

हर वर्ष गर्मियों के दौरान बंडीपुर राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में लगने वाली आग से निपटने के लिए वन विभाग ने इस बार अपनी अग्निशमन क्षमता बढ़ाने के साथ ही कई एहतियाती कदम उठाए हैं।

बंडीपुर जंगल में आग से निपटने की व्यापक तैयारी

बंडीपुर जंगल में आग से निपटने की व्यापक तैयारी

बेंगलूरु. हर वर्ष गर्मियों के दौरान बंडीपुर राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में लगने वाली आग से निपटने के लिए वन विभाग ने इस बार अपनी अग्निशमन क्षमता बढ़ाने के साथ ही कई एहतियाती कदम उठाए हैं। अग्निशमन दस्ते में स्थानीय जनजातीय समुदाय के लोगों की तैनाती के साथ ही मोटराइज्ड फायर स्पे्रयर भी बढ़ाए गए हैं।

दो हजार लीटर क्षमता वाले मिनी वैन की तैनाती बढ़ाई गई ह ताकि जंगल की आग इससे पहले की बड़े पैमाने पर फैले उसे रोका जा सके। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल मानसून के दौरान हुई भारी बारिश से जंगलों में पेड़ और वनस्पति बड़े पैमाने पर पनपे हैं, जिससे आग का खतरा बढ़ गया है। बंडीपुर जंगल आग के लिए विख्यात रहा है।


जंगल का लगभग 912 वर्ग किमी इलाका जल चुका है। मुख्य वन संरक्षक ए. माधव ने बताया कि इस बार काफी घने पत्ते और वनस्पति पैदा हुए हैं। लेकिन, जंगल की प्राकृतिक प्रवृत्ति शुष्क है और इसलिए ये वनस्पति तेजी से सूख रहे हैं। जिन वन क्षेत्रों में आग लगने की आशंका प्रबल है, उन्हें चिह्नित किया जा चुका है। पिछले साल के मुकाबले इस साल स्थिति बेहतर कही जा सकती है क्योंकि पिछले साल काफी देर से बारिश हुई थी।

पिछले वर्ष कुछ फायर टेंडर तैनात किए गए ते लेकिन वे पूरे टाइगर रिजर्व को कवर नहीं पाए थे। इसलिए इस बार संख्या बढ़ाई गई है। कुछ ट्रकों में सुधार कर उन्हें फायर टेंडर बनाया गया है। आठ ऐसे मोडिफाइड वाहनों की तैनाती की गई हैं जिन्हें घने जंगलों तक भी भेजा जा सकता है।

इनमें जल भंडारण की क्षमता अधिक है। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में छह नए वाच टावर बनाए गए हैं ताकि जंगल की आग पर नजर रखी जा सके। अब वाच टावरों की संख्या 13 हो गई है जहां से 36 0 डिग्री में जंगल के चारों ओर नजर रखी जा सकती है। जैसे ही धुआं उठता दिखाई देगा वॉकी-टॉकी के जरिए यह संदेश पहुंचाकर तुरंत फायर टेंडर भेजे जाएंगे। इससे समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी। बंडीपुर में सौर ऊर्जा से चालित पंप की संख्या 45 हो चुकी है।


जब गर्मियों में पानी सूख जाता है तब ये पंप काफी उपयोगी साबित होते हैं। ये पंप आग बुझाने में भी काफी प्रभावशाली साबित होते हैं। इसके अलावा आग पर नजर रखने के लिए अस्थायी निगरानी कर्ताओं की भी नियुक्ति की गई है। जनजातीय इलाकों से लगभग 400 ऐसे लोगों की नियुक्ति की है। ये सभी मानसून शुरू होने तक विभाग के लिए काम करेंगे।

द्वितीय पीयू छात्रों को मुफ्त सफर की सुविधा
बेंगलूरु. कर्नाटक राज्य सडक़ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने द्वितीय पीयू के सभी छात्रों को परीक्षाओं के लिए निगम की बसों में मुफ्त सफर करने का अवसर दिया है। द्वितीय पीयू की परीक्षाएं १ से १८ मार्च २०१९ तक होनी हैं। इस सिलसिले में विभाग के अधिकारियों ने केएसआरटीसी समेतअन्य तीन सडक़ परिवहन निगमों से चर्चा की। इस चर्चा के बाद छात्रों को मुफ्त यात्री की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। छात्र हॉल टिकट दिखा कर मुफ्त सफर करसकते है।

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