scriptकप्पतगुड्डा वन्यजीव अभयारण्य योजना वापस लेने की मांग | Demand for withdrawal of Kappattuguda Wildlife Sanctuary | Patrika News

कप्पतगुड्डा वन्यजीव अभयारण्य योजना वापस लेने की मांग

locationबैंगलोरPublished: Jul 02, 2019 05:58:40 am

तीस गांवों के हजारों किसान पिछले सौ साल से भी अधिक समय से कप्पतगुड्डा क्षेत्र में रह रहे हैं।

कप्पतगुड्डा वन्यजीव अभयारण्य योजना वापस लेने की मांग

कप्पतगुड्डा वन्यजीव अभयारण्य योजना वापस लेने की मांग

गदग. तीस गांवों के हजारों किसान पिछले सौ साल से भी अधिक समय से कप्पतगुड्डा क्षेत्र में रह रहे हैं। इस क्षेत्र को सरकार वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर चुकी है। सरकार के इस फैसले से अब इन हजारों किसानों के सामने जीवन-यापन का संकट पैदा हो गया है।

फैसले के विरोध में किसानों ने मवेशियों सहित जिलाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने हिरेवडट्टी हिरेमठ वीरेश्वर शिवाचार्य के नेतृत्व में धरना दिया। इस अवसर पर हिरेवडट्टी हिरेमठ वीरेश्वर शिवाचार्य ने कहा कि जिले के मुंडरगी, शिरहट्टी, रोण निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हजारों गरीब कृषक परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी पिछले सौ साल से भी अधिक समय से कप्पतगुड्डा क्षेत्र के आसपास बंजर भूमि पर कृषि कार्य करते हुए जीवन यापन कर रहे हैं।


इन लोगों का इस भूमि से निकट संबंध है। सरकार की ओर से मुंडरगी, शिरहट्टी, गदग व तालुक के दायरे में आने वाले कप्पतगुड्डा क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करना बहुत ही अमानवीय व निंदनीय है। इन गरीब किसानों के अधिकारों का ध्यान रखते हुए सरकार को शीघ्र अपना फैसला वापस लेना चाहिए।


प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली कर्नाटक राज्य किसान संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुमतिश्री एस.एन. ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र फैसला वापस न लिया तो आगामी दिनों में प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन लेने के बाद जिलाधिकारी कराले ने किसानों को विश्वास दिलाया कि वे राज्यपाल व मुख्यमंत्री को उनकी समस्या से अवश्य अवगत करवाएंगे।


इस दौरान कित्तूरु रानी चेन्नम्मा पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष एम.बी. देसाई, गंगम्मा अंगड़ी एवं शांतम्मा मुत्तिनपेंडीमठ सहित कई लोग उपस्थित थे।

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