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तीसरे दर्जे का व्यवहार नहीं करे कांग्रेस: कुमारस्वामी

locationबैंगलोरPublished: Jan 15, 2019 09:25:10 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

‘लेन-देन की नीति’ अपनाएं, मिलकर लड़ेंगे चुनाव

HD kumarswamy

तीसरे दर्जे का व्यवहार नहीं करे कांग्रेस: कुमारस्वामी

बेंगलूरु. सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक कांग्रेस और जद-एस के बीच लोकसभा चुनाव में सीटों की साझेदारी पर बातचीत से पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ ‘तीसरे दर्जे’ का व्यवहार नहीं होना चाहिए। भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लडऩे के लिए दोनों साझीदारों को ‘लेन-देन की नीति’ अपनानी होगी।
हालांकि, गठबंधन सहयोगियों के बीच अभी सीटों के बंटवारे पर अभी बातचीत शुरू नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस में अंदरुनी दबाव है कि वह जद-एस के आगे अधिक नहीं झुके। वहीं, कुमारस्वामी ने कहा कि दोनों पक्षों को संकीर्णता त्यागकर और उदारता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा अब घट रहा है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री के सहज उम्मीदवार हैं। हालांकि, भाजपा-विरोधी दलों में राहुल के नाम पर अभी सहमति नहीं है लेकिन वे राहुल का नाम ही प्रधानमंत्री पद के लिए सुझाएंगे। जद-एस नेता ने कहा कि गठबंधन सरकार के सात माह पूरे हो गए हैं। सरकार के भीतर आपसी मतभेदों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जो भी कड़वाहट है उससे आसानी से पार पा लेंगे।
कर्नाटक ने बदला देश का राजनीतिक परिदृश्य
यह पूछे जाने पर कि सीटों की साझेदारी अगर असफल रहती है तो क्या जद-एस अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी समझ से कांग्रेस और जद-एस को लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लडऩा चाहिए। राज्य में गठबंधन सरकार का गठन भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए किया गया ताकि देश में बेहतर माहौल बना सकें। दक्षिण भारत के इस राज्य में गठबंधन सरकार के गठन से देश के राजनीतिक परिदृश्य में बहुत बदलाव आए हैं। भाजपा हारने लगी है। कुछ उपचुनावों और तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली है।
उन्होंने कहाइ कि अगर कांग्रेस राह भटक जाती है और अति आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ती है तो क्या होगा उन्हें पता है। अपने अतीत के अनुभवों के वह सब कुछ जानते हैं। उन्हें नहीं लगता है कि वह इसे भूलेंगे। उन्हें जद-एस के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। कुमारस्वामी ने कहा कि ‘उन्हें हमारे साथ तीसरे दर्जे के नागरिक की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए। यहां नीति लेन-देन की होनी चाहिए।Ó
इसी महीने सीटों की साझेदारी पर फैसला
दरअसल, जद-एस ने राज्य की 28 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों की मांग कर रखी है लेकिन कांग्रेस ने इसपर आपत्ति जताई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 6-7 से अधिक सीटें जद-एस के लिए छोडऩे को तैयार नहीं है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में जहां भाजपा को 17 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी वहीं कांग्रेस को 9 और जद-एस के खाते में 2 सीटें आई थीं। अब लोकसभा सीटों का बंटवारा दोनों पार्टियों के लिए अग्निपरीक्षा के समान है। कुमारस्वामी ने कहा कि दोनों दलों के नेताओं के बीच इसी महीने बातचीत होने की उम्मीद है। इस महीने के अंत तक सीटों की साझेदारी पर अंतिम फैसला होने की संभावना है।
हमें एक तिहाई सीटें मिलना चाहिए
उन्होंने कहा ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा चाहते हैं कि सरकार बनने के बाद हर फैसला दो तिहाई कांग्रेस और एक तिहाई जद-एस के आधार पर हुआ है। यहीं फार्मूला मंत्रालयों और बोर्ड-निगमों की नियुक्तियों में अपनाया गया। इसलिए लोकसभा की 28 सीटें हैं और इनमें से दो तिहाई उन्हें लेनी चाहिए और हमें एक तिहाई देना चाहिए। मेरा यहीं विचार है और मुझे लगता है कि वह इसे स्वीकार करेंगे।Ó
लोस चुनाव के बाद सुरक्षित होगी सरकार
सरकार की स्थिरता के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि यह गठबंधन सरकार लोकसभा चुनावों तक ही चलेगी। लेकिन, उनका मानना है कि लोकसभा चुनावों के बाद नई दिल्ली में जो सरकार बनेगी और जो महौल जो बनेगा उसमें यह सरकार और भी सुरक्षित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के साथ आने से भाजपा की चुनौती बढ़ी है। बिहारी में नीतिश कुमार की छवि धूमिल हुई है वहीं, लालू यादव को सहानुभूति मिल रही है। उन्हें लगता है कि भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय पार्टियों का एक मजबूत महागठबंधन तैयार हो रहा है जो विकल्प बनेगा। एचडी देवेगौड़ा ने राहुल गांधी का नाम प्रधानमंत्री के तौर पर सुझाया है और उम्मीद है कि चुनावों के बाद सभी मतभेद भुलाकर उनके नाम पर सहमत हो जाएंगे।
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