अदालत में Enforcement Directorate (इडी) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता केएम नटराज KM Natrajan ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ Ajay Kumar Kuhar के सामने पेश हुई जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि शिवकुमार सिर्फ टैक्स चुकाकर अपनी दागी संपत्तियों को बेदाग साबित नहीं कर सकते।
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वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी Abhishek Manu Singhavi और मुकुल रोहतगी Mukul Rogtagi शिवकुमार की तरफ से उपस्थित हुए। उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता की दलीलों का विरोध किया और कहा कि शिवकुमार निर्दोष हैं।
रोहतगी ने कहा कि अगर पी. चिदंबरम P. Chidambaram जैसे व्यक्ति के बारे में डर है कि वह देश छोड़कर भाग सकते हैं, तो इस देश में किसी भी व्यक्ति के बारे में ये डर हो सकता है। पी. चिदंबरम को एक अन्य मामले में इडी ने गिरफ्तार किया है।
इडी की दलीलें
विशेष सरकारी अधिवक्ता अमित महाजन Amit Mahajan, एनके मट्टा NK Matta और नितेश राणा Nitesh Rana भी पेश हुए। इडी ने कहा, ‘हम कह सकते हैं कि समाज में शिवकुमार की जितनी गहरी पैठ है, इस मामले में उससे अधिक गहरी साजिश है।
साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है।’ राणा ने कहा, ‘आयकर की कार्रवाई में कुछ लोगों द्वारा दिए गए बयान बाद में बदल गए। इससे पता चलता है कि वह मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। एक प्रभावशाली और शक्तिशाली व्यक्ति होने के चलते वह जांच को नुकसान पहुंचा सकते हैं।’
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इडी ने शिवकुमार पर ‘गंभीर आर्थिक अपराध’ करने का आरोप लगाया और कहा कि ये देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरा है। राणा ने कहा, इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था असंतुलित हो सकती है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक जोखिम पैदा हो सकता है। इससे सख्ती के साथ निपटा जाना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि शिवकुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि कृषि भूमि के अलावा कई गैर-कृषि भूमि और संपत्तियां भी हैं, जिनकी जांच महत्वपूर्ण चरण में हैं।
संघवी की दलीलें
इडी की दलीलों का विरोध करते हुए सिंघवी ने कहा कि अगर इडी के नजरिए को अपनाया गया तो उस न्यायिक सिद्धांत का क्या होगा कि कोई व्यक्ति तब तक निर्दोष है, जब तक कि वह दोषी नहीं साबित होता।
उन्होंने कहा कि अदालत को भारी आंकड़ों के जरिए प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। धन की मात्रा हर दिन बढ़ती जा रही है। जब सिर्फ 20 सक्रिय खाते हैं तो फिर 317 का आंकड़ा कहां से आ रहा है? वे पहले 21वां खाता दिखाएं।
अगर 21वां खाता दिखाया गया तो वे बैठ जाएंगे। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।