यहां शनिवार को एचएएल संस्था के अनूसूचित जाति, जनजाति वर्ग कर्मचारी संघ की ओर से आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि एचएएल ने समय के अनुसार तकनीकी क्षमता में वृद्धि की है।
युद्धक विमानों का निर्माण किया है, ऐसे में एचएएल के पास राफेल जैसा अद्यतन युद्धक विमान का निर्माण करने की क्षमता नहीं होने का तर्क सही नहीं है। रफाल सौदे में एचएएल की अनदेखी करना, इस संस्था की तकनीकी क्षमता पर ही संदेह व्यक्त करना है।
उन्होंने कहा कि उद्यमी अनिल अंबानी को मदद करने के एक मात्र को लक्ष्य को लेकर इस सौदे से एचएएल को दूर रखा गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के देश के सैकड़ों युवाओं को रोजगार से वंचित होना पड़ेगा।
अगर ऐसे युद्धक विमान का निर्माण में किया जाता तो हजारों करोड़ रुपए की बचत संभव थी। उन्होंने कहा कि संविधान शिल्पी डॉ. आंबेडकर केवल अजा-जजा समुदाय के कल्याण तक ही सीमित नहीं थे, उन्होंने समाज के सभी शोषित वर्गों को सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष किया था। ऐसे में आंबेडकर जैसे महापुरुष को केवल दलित नेता कहना उचित नहीं है।