scriptअल्जाइमर के प्रति किया जागरूक | Awareness about Alzheimers | Patrika News

अल्जाइमर के प्रति किया जागरूक

locationबैंगलोरPublished: Sep 23, 2018 08:36:18 pm

Submitted by:

Rajendra Vyas

स्पंदन, क्रिस्प और हस्तलेखा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन

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अल्जाइमर के प्रति किया जागरूक

बेंगलूरु शहर में तेजी से फैल रहा है यह रोग
बेंगलूरु. स्पंदन, क्रिस्प और हस्तलेखा के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को विश्व अल्जाइमर दिवस के उपलक्ष्य में कब्बन पार्क में अल्जाइमर डिमेंसिया (स्मृति कमजोर) से संबंधित जन जागरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता संगीता अमरनाथ, कुमार जागीर के नेतृत्व में 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने तख्तियों पर लिखे संदेश के माध्यम से स्मृति खोने या स्मृति कमजोर होने जैसे रोग के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि भारत में, खासतौर से बेंगलूरु शहर में यह रोग बहुत तेजी से फैल रहा है। इसके कारण और समाधान खोजना बड़ी समस्या बनी हुई है। इसके लिए पर्याप्त नींद लेना, तनावमुक्त रहने की सख्त आवश्यकता है।
दान और पूजा तो गृहस्थ का मुख्य धर्म
बेंगलूरु. विल्सन गार्डन स्थित शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में साध्वी विनीव्रता ने कहा कि जिसने रोका वह स्वयं रुक गया। जिसने तिजौरी में धन सड़ाया वह स्वयं सड़ गया। जो रोक लिया जाता है वह मिट्टी का हो जाता है और जो दान दे दिया जाता है वह स्वर्ण का होकर लौट जाता है। दान और पूजा तो गृहस्थ का मुख्य धर्म है। महावीर ने श्रावकों के लिए कर्तव्य कहे हैं, दान को कर्तव्य कहा है। दान देना कर्तव्य है। आप कर्तव्य उसे कहते हैं, जो मजबूरी में किया जाता है। या उसे करने का भाव मन में नहीं होता है। कर्तव्य का अर्थ सहज सरल भाव से सेवा करना, पूजा, भक्ति, दान करना अपना सौभाग्य समझकर सेवा करना, दान देना कार्य करने में प्रेम प्रकट करना, अपने आपकों अहोभागी समझना, सीता ने वन में कर्तव्य का निर्वाह किया। आहार दान में नाम अंकित हो गया, हनुमान ने अपना कर्तव्य निभाया, रामायण के मुख्य पात्र बन गए। हम मजबूरी में मंदिर जाते हैं। मजबूरी में दान देते हैं। दान नहीं देंगे तो लोग क्या कहेंगे? याद रखो तीन प्रकार के दान तामसिक दान, राजसिक दान, सात्विक दान होते हैं। त्याग भी तामसिक त्याग, राजसिक त्याग व सात्विक त्याग होते हैं। दान होता है प्रिय वस्तु का और त्याग होता है, अप्रिय वस्तु का।
तपस्वी धीरज का अभिनंदन
बेंगलूरु. विजयनगर स्थित अर्हम भवन में साध्वी मधुस्मिता आदि ठाणा 6 के सान्निध्य में तप अभिनंदन समारोह में 9 उपवास के तपस्वी धीरज भटेवरा का अभिनंदन किया गया। साध्वी ने स्वरचित तप अनुमोदना गीतिका से मंगलकामना की। संजय पितलिया ने गीत पेश किया। सभा अध्यक्ष बंशीलाल पितलिया, महिला मंडल अध्यक्ष सरोज टांटिया आदि ने तपस्वी की अनुमोदना की व सम्मानित किया। शनिवार को आचार्य भिक्षु उत्सव मनाया जाएगा।
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