देवेगौड़ा ने रविवार को विजयपुरा में कहा कि केन्द्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद देश में करीब 19 चर्च पर हमले हुए और कई राज्यों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। इस वजह से मुस्लिमों का संघीय ढांचे में विश्वास घटा है। मुस्लिम एक तरह के खतरे के साए में जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि गुजरात में संघीय भावना का पालन नहीं किया जा रहा और आज देश भर में यही हो रहा है।
इस बीच, देवेगौड़ा ने दावा किया कि प्रदेश में जनता दल (ध) की ताकत बढ़ रही है और वे अगले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के सबी राज्यों का दौरा करके संगठन को और मजबूत बनाने के प्रयास करेंगे। देवेगौड़ा ने कहा कि राज्य विधानसभा के चुनाव संभवत: अगले साल मार्च-अप्रेल में होंगे। उनकी पार्टी का मुख्य लक्ष्य प्रदेश अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी के नेतृत्व को राज्य में अपने बलबूते पर सत्ता में लाना है।
येड्डियूरप्पा के खिलाफ एसीबी प्रकरण को लेकर पूछे सवाल पर देवेगौड़ा ने कहा कि इस प्रकरण को बदले की राजनीति के तौर पर देखने के बजाय लोगों के निर्णय पर छोड़ देना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को भ्र्रष्टाचार से मुक्त बनाने की बातें करते हैं ऐसे में येड्डियूरप्पा के प्रकरण को बदले की कार्रवाई बताने की भाजपा नेताओं की नीति प्रधानमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण के विरुद्ध है।
देवेगौड़ा ने कहा कि सभी जानते हैं कि जनसंघ ने दलितों के साथ कैसा बर्ताव किया था। इसके बावजूद राजनीति करने से उनका असली रंग उजागर हो जाता है। देवेगौड़ा ने कहा कि अमित शाह व राहुल गांधी के प्रदेश का दौरा करने से कोई बदलाव नही आएगा क्योंकि जनता जागरूक है और यहां किसी हाल में जातिवाद की राजनीति चलने वाली नहीं है।
देवेगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा के झगड़े से जनता दल (ध) के राजनीतिक हितों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा और प्रदेश की जनता इस बार कुमारस्वामी को सत्ता में आने का अवसर देगी। पार्टी ने अपनी पिछली गलतियों से सबक सीखा है और इस बार सितंबर के अंत तक उम्मीदवारों की सूची तय कर ली जाएगी। कुमारस्वामी के दो सीटों से चुनाव लडऩे के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उत्तर कर्नाटक से भी उनके चुनाव लडऩे के बारे में फैसला उन्हीं को करना है। वैसे उन्होंने कुमारस्वामी को एक ही सीट से चुनाव लडऩे की सलाह दी है।