इस गांव का है मामला
बता दें कि पूरा मामला मरका थाना क्षेत्र के ग्राम काजी टोला का मजरा कबीरपुर का है, जहां पर गडरा नदी के किनारे मनरेगा के तहत टीले की खुदाई कराई जा रही थी, करीब लगभग 50 मजदूर काम पर लगे हुए थे। खुदाई के दौरान मजदूर रामभवन निषाद ने जैसे ही फावड़ा टीले पर मारा तो खन्न की आवाज सुनाई दी। मजदुर ने हाथ से मिट्टी हटाकर घड़े को बाहर निकाला तो उसमें प्राचीन काल के सिक्के मिले अन्य मजदूर भी मौके पर पहुंच गए और बंटवारे को लेकर विवाद करने लगे।
3 मजदूरों को चौकी ले गई पुलिस
इस पर मजदूर रामभवन होरीलाल ने सिक्के अपनी मां चंद्रकली को दे दिए। चंद्रकली सिक्के लेकर घर चली गई, जिस पर अन्य मजदूरों ने पुलिस को सूचना दे दी। काजी टोला चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह यादव पुलिस बल के साथ रात में करीब 11 बजे मजदूर रामभवन के घर पहुंचे वहां से 3 मजदूरों को चौकी ले गए, जहां पर मजदूरों ने पुलिस को करीब 1 किलो वजन के कुल 111 सिक्के सौंप दिए। बताया जा रहा है कि उर्दू अरबी भाषा में सिक्कों पर गाजी शाही लिखा है सिक्के मुगल काल के हो सकते हैं सिक्के पीतल या किसी पुरानी धातु के लग रहे फिलहाल जांच कराई जा रही है।
चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह यादव सौंपे सिक्के
इस विषय में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लाखन सिंह निषाद ने बताया कि मनरेगा के तहत गडरा नदी में कार्य चल रहा था, जिसमें खुदाई के समय कच्चे वर्तन पर कुल 111 सिक्के पीतल या तांबे जैसे कि मिले हैं उन्हें सिक्कों को चौकी इंचार्ज अर्जुन सिंह यादव के सुपुर्द कर दिया गया है। मगर क्षेत्र पर ग्रामीणों ने सिक्कों पर अष्टधातु व सोने का होना मान रहे हैं।