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नारायणपुर मझारी गांव के आधा दर्जन आशियाने व मंदिर नदी में समाये

locationबलरामपुरPublished: Sep 18, 2018 02:19:04 pm

नदियां एक ओर जहां हमारे देश में वरदान मानी जाती हैं वहीं बरसात के दिनों में यह आफत बनकर ही उभरती हैं।

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नारायणपुर मझारी गांव के आधा दर्जन आशियाने व मंदिर नदी में समाये

बलरामपुर. नदियां एक ओर जहां हमारे देश में वरदान मानी जाती हैं वहीं बरसात के दिनों में यह आफत बनकर ही उभरती हैं। जनपद बलरामपुर में दर्जनों पहाड़ी नालों के साथ साथ बहने वाली राप्ती नदी भी कुछ इसी तरह का विनाशकारी लीला बरसात के दिनों में दिखाती है। प्रत्येक वर्ष हजारों एकड़ जमीन व फसलें बर्बाद होती हैं। दर्जनों घर नदी के आगोश में समा जाते हैं तथा पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। इस वर्ष बरसात के शुरुआती दौर से ही पहाड़ी नालों ने अपना विभक्त रूप दिखाना शुरू कर दिया था तथा राप्ती नदी भी अपने प्रकोप से कई गांवों को अपने आगोश में ले लिया है ।

राप्ती नदी में बाढ़ का पानी घटने के साथ-साथ कटान तेजी से होता है। इस वर्ष भी बाढ़ का पानी कम होते होते राजघाट ककरा का बांध लगभग सौ मीटर बह गया तथा नारायणपुर मझारी गांव के आधा दर्जन आशियाना वह एक पूरा का पूरा मंदिर नदी में समा गया। राप्ती की विनाशलीला से क्षेत्र के लोग काफी दहशत में जी रहे हैं। जिला प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए प्रत्येक वर्ष पूरी तैयारी का दावा करता है। करोड़ों रुपए व्यय किए जाते हैं परंतु बरसात शुरू होते ही सारे दावे खोखले साबित हो जाते हैं। इस वर्ष भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। लगभग 40 लाख की लागत से कई जगह राप्ती की दिशा मोड़ने की कवायद की गई और इतने ही लागत से खरझार नाले पर गाइड बांध का निर्माण भी कराया गया परंतु यह सब बाढ़ आनेके समय कारगर साबित नहीं हुए। नतीजा यह रहा कि राप्ती के किनारे बांध बह गया कई बांधों में दरारें आई तथा खरझार नाले पर नवनिर्मित गाइड बांध भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिम्मेदार सिंचाई विभाग तथा जिला के अधिकारी उसे दुरुस्त कराने की बात कर रहे हैं ।

राप्ती नदी की पत्रिका की टीम कटान प्रभावित गांव नारायणपुर मझारी पहुंची तो हालात काफी भयावह दिखाई दिए। इस गांव में एक दुर्गा मंदिर नदी में समा चुका था आधा दर्जन से अधिक घर भी नदी में समा गए थे । साथ ही लगभग एक दर्जन घर नदी के कगार पर अभी भी बरकरार हैं। इससे पूर्व वर्षों में भी राप्ती ने इसी गांव के मजरे को पूरी तरह निगल चुकी है। वहां के लोग अब बांधों के ऊपर अपना गुजर बसर कर रहे हैं।

राप्ती की विनाश लीला को देखकर क्षेत्र के लोग काफी दहशत में जी रहे हैं। जिले के तमाम अधिकारियों के साथ सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी इस गांव पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया था तथा सब कुछ ठीक कराने का आश्वासन गांव वालों को दिया है । अब देखना होगा कि यह वादे कहां तक पूरे हो पाते हैं । सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने तो नदी में समाए घरों के स्थान पर आवास बना कर दिए जाने की भी बात कही है । नदी में समा चुके खेतों तथा फ़सलों का मुआवजा भी दिए जाने का आश्वासन दिया है ।

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