लेकिन पत्नी की तकलीफ इतनी बढ़ गई कि इलाज कराने के लिए पति ने उसे ठेले पर लिटाया और नगर में घूम-घूमकर आर्थिक मदद मांगने लगा। इस दौरान कुछ युवाओं की नजर उस पर पड़ी तो उन्होंने महिला को बलरामपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराकर मानवता की मिसाल पेश की।
शोभा देवी पति रमेश पासवान (35) जो रामानुजगंज के वार्ड क्रमांक-5 में निवास करती है। इसका पति कबाड़ बिनकर बेचता है। शोभा देवी अपने पति के साथ झारखंड के शहर जपला गई थी, इसी दौरान ट्रेन से उतरने के दौरान महिला चपेट में आ गई और उसका बायां जांघ टूट गया।
उसे इसी हालत में पति रामानुजगंज ले आया, लेकिन गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पा रहा था, लेकिन पत्नी की तकलीफ इतनी बढ़ गई कि अंतत: पति ने उसका इलाज कराने की ठानी। फिर महिला को ठेले में लिटाया और नगर में घूम-घूमकर आर्थिक मदद मांगने लगा। पति महिला को लेकर लगातार तीन दिन तक गली-गली घूमता रहा।
इसी दौरान उस पर नगर के युवाओं की नजर पड़ी तो वे मदद हेतु आगे आए और महिला को जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती कराया।
तीन दिन में 4 हजार रुपए हुए थे इक_ा
रमेश को पत्नी के इलाज के लिए 40 हजार रुपए चाहिए और तीन दिन तक घूमने के बाद उसके पास 4 हजार रुपए ही इक_े हुए थे।
तीन दिन में 4 हजार रुपए हुए थे इक_ा
रमेश को पत्नी के इलाज के लिए 40 हजार रुपए चाहिए और तीन दिन तक घूमने के बाद उसके पास 4 हजार रुपए ही इक_े हुए थे।
इससे वह काफी परेशान था लेकिन अब महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराकर युवाओं ने शेष रुपए इक_ा करने का जिम्मा उठाया है। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि यदि महिला का जल्द इलाज नहीं किया जाता है तो स्थिति गंभीर हो सकती है।