कुसमी. लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान को लेकर प्रशासन द्वारा एक तरफ लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़-झारखण्ड की सीमा से लगे बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी विकासखंड अंतर्गत सामरी-चांदो क्षेत्र के सुदूर ग्राम पंचायत कुरडीह के अंतर्गत आने वाले पांच गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं सहित अन्य मांगों को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर मतदान नहीं करने की बात कह रहे हैं। ग्रामीण निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली से काफी नाराज हैं।
कुसमी विकासखंड के ग्राम पंचायत कुरडीह के गांव चंचल चुआं, पियारटोली, जोड़ाडुमर, मुडक़म, घुईपानी के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी तथा गांव में कुछ भी विकास कार्य नहीं होने पर 7 मई को होने वाले मतदान के बहिष्कार करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत कुरडीह में एक स्थान पर एकत्र होकर ‘विकास नहीं तों वोट नहीं’ का नारा लगाया।
गांव के ग्रामीण लगातार वोट के बहिष्कार को लेकर अड़े हुए हैं, उन्हें प्रशासन द्वारा अब तक को संतोष जनक आश्वासन नहीं दिया गया है। ग्रामीणों ने गांव के विकास में शासन-प्रशासन द्वारा उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि कुछ अधिकारी ग्राम पंचायत में 25 अप्रैल को बिना सूचना के आए थे। वे बहिष्कार में शामिल गांव के ग्रामीणों से बिना कुछ जानकारी लिए कुरडीह ग्राम पंचायत से लगे बाहरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का बयान लेकर वीडियोग्राफी कर खानापूर्ति कर चले गए।
वर्षों से लगा रहे गुहार
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि कुछ शासकीय कर्मचारियों की अगुवाई में विकास की मांग के लिए उठे मुद्दे को दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा हैं, जो हमारे साथ छलावा है।
ग्राम कुरडीह के राजू पहाड़ी, हल्कु पहाड़ी, वासुदेव यादव, सुदामा, दीप नारायण, प्रेमलाल, देव कुमार, अखिलेश, विजय, महेंद्र, अरविंद, विष्णु, ललन यादव, रामकिशुन, रजन्ति कोरवा, रामपतिया, गुलबाजी, कुशमनी, सुखमनिया, नंदबासो, प्रियंका यादव, राजू कोरवा, बुधन कोरवा, राजेश कोरवा, मनोज नगेसिया, शीतलु नगेसिया सहित अन्य ग्रामीणों ने कहाकि हम सभी लम्बे समय से अपनी मांगों के लिए वर्षों से गुहार लगा रहे हैं।
लेकिन हमारे ग्राम पंचायत में विकास का कोई कार्य नहीं किए जाने से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। इस संबंध में कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने कहा कि मामला संज्ञान में हैं, इसके लिए उचित पहल की जा रही है।
सिर्फ आश्वासन देकर लौट जाते हैं जनप्रतिनिधि-अधिकारी
ग्रामीणों ने कहा कि केवल वोटिंग के समय जनप्रतिनिधि व अधिकारी यहां आकर आश्वासन देकर चले जाते हैं। लेकिन विकास के नाम पर यहां कोई ठोस काम नहीं हो पाया हैं। इस कारण इस बार हम मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। हमारी मुख्य मांगें सडक़, बिजली व पानी है। इसके अलावा उन्हें लंबी दूरी तय कर अपना मत देने के लिए जंगल के रास्ते पैदल मतदान केंद्र कुरडीह जाना पड़ता है।
नजदीक में मतदान केंद्र बनाए जाने की मांग रखी गई है। गांव में आज तक पक्की सडक़ नहीं बन सकी है। साथ ही नल-जल योजना के तहत निर्मित हर घर में नल से पानी पहुंचाने की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। इससे ग्रामीण आज भी ढोढ़ी का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। वही करीब 10 वर्ष पहले ग्रामीणों को सौर ऊर्जा प्लांट से बिजली का लाभ मिल रहा था लेकिन अब उसमे खराबी आ जाने से इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।
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