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बलरामपुर

संवेदनहीन सिस्टम! नेत्रहीन बेटे-बेटी का बुढ़ापे में सहारा बनी विधवा मां को शासकीय योजनाएं नसीब नहीं

कभी भी गिर सकता है घर फिर भी बुजुर्ग महिला का पीएम आवास की सूची में नहीं है नाम, महिला के बेटे-बेटी के नाम से बना राशन कार्ड भी चार साल पहले काटा

बलरामपुरFeb 12, 2019 / 02:08 pm

rampravesh vishwakarma

Mother with Blind son-daughter

Mother with blind son-daughter

रामानुजगंज. कहने को तो शासन की योजनाएं गरीब, बेबस व लाचार लोगों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है परंतु जमीनी स्तर पर इसका लाभ जिन हितग्राहियों को मिलना चाहिए उन्हें नहीं मिल पाता। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ग्राम बेलकुर्ता की बुजुर्ग विधवा महिला है जो अपने जन्म से नेत्रहीन पुत्र-पुत्री का एकमात्र सहारा है।
उसे अब तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल पाया है जबकि उसका मिट्टी का घर एक तरफ गिर चुका है। वहीं वहीं पूरे घर की स्थिति जर्जर है जो आने वाले बरसात में परिवार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम बेलकुर्ता की बुजुर्ग विधवा महिला प्रमिला सिंह जन्म से ही नेत्रहीन पुत्र दशरथ सिंह 27 वर्ष व पुत्री रीना सिंह 22 वर्ष के साथ रहती है। घर में कोई कमाऊ सदस्य नहीं है, घर का संपूर्ण भार प्रमिला सिंह पर है। वहीं घर की स्थिति अत्यंत जर्जर है आधा घर गिर चुका है, बाकी बचे हिस्से की भी इससे खराब है।
प्रमिला सिंह ने कई बार पंचायत से प्रधानमंत्री आवास की मांग की परंतु पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया, इस कारण प्रमिला को आज तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल पाया। आने वाले बरसात के समय को लेकर पूरा परिवार चिंतित है क्योंकि घर की स्थिति अत्यंत जर्जर है ऐसे में किसी भी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता।

कक्षा नवमी में पढ़ते हैं भाई-बहन
नेत्रहीन भाई-बहन कक्षा नवमी में ग्राम गाजर में पढ़ते हैं। उनके पास ब्रेल लिपि की किताबें हैं व उन्हें पढऩे के लिए उनमें जिज्ञासा भी है परंतु पढ़ाने वाला कोई नहीं है। स्कूल दूर होने व उन्हें वहां छोडऩे जाने वाला कोई नहीं होने के कारण वे स्कूल नियमित नहीं जा पाते।

बेटी के इलाज में आर्थिक रूप से टूटा परिवार
प्रमिला की नेत्रहीन पुत्री रीना सिंह को नस की बीमारी कुछ वर्ष पूर्व हो गई थी जिसके इलाज के लिए वह अंबिकापुर, गढ़वा, मेराल, जशपुर, सीतापुर भटकी। अंतत: रीना का इलाज बनारस में करवाया। इस दौरान प्रमिला के पास जमा पैसे सभी खर्च हो गए। वहीं अपने जमीन को बंधक रखकर पैसा उधार लेना पड़ा जो आज तक पट रहा है।
वहीं प्रमिला के घर में बना स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बना शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शौचालय बनते ही उसका दरवाजा उखड़ गया।


इंदिरा आवास की राशि सचिव ने कर लिया गबन
गांव की सरपंच शांति देवी ने बताया कि मेरे कार्यकाल के पूर्व महिला के इंदिरा आवास के लिए राशि आई थी, परंतु उसका क्या हुआ मुझे नहीं मालूम। वहीं प्रमिला सिंह ने बताया कि इंदिरा आवास के लिए मेरे खाते में 34 हजार आए थे उसका तत्कालीन सचिव ने ईंट मंगवाया था परंतु उससे मेरा मकान नहीं बना, उसे सचिव ने दूसरे को बेच दिया।

नेत्रहीन पुत्र-पुत्री का राशन कार्ड 4 वर्ष पूर्व कटा, नहीं दिया वोट
दशरथ व रीना का राशन कार्ड 4 वर्ष पूर्व ही कट गया जिसे जुड़वाने के लिए कई बार भाई-बहन रामानुजगंज व बलरामपुर के चक्कर काटे परंतु नहीं जुड़ा। इसी गुस्से में बीते विधानसभा चुनाव में दशरथ ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया।

जुड़वाया जाएगा राशन कार्ड
परिवार का राशन कार्ड फूड इंस्पेक्टर से कहकर जुड़वा दिया जाएगा। वहीं मेरा व्यक्तिगत प्रयास रहेगा की महिला को प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिल सके।
संजीव कुमार झा, कलक्टर, बलरामपुर

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