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इस वजह से सावन के महिने में टूटे- फूटे शिवलिंग की पूजा कर रहे लोग

locationबलोदा बाज़ारPublished: Jul 30, 2018 06:32:44 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

नदी किनारे रामपुर का प्राचीन मंदिर है, इसकी स्थापना के बारे में गांव के बुजुर्गोंं तक को किसी प्रकार की जानकारी नहीं है

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इस वजह से सावन के महिने में टूटे- फूटे शिवलिंग की पूजा कर रहे लोग

बलौदाबाजार. सावन माह प्रारंभ होने के बाद आज सावन महीने का प्रथम सोमवार है। इसके चलते नगर समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों के शिवमंदिरों में सुबह से ओम नम: शिवाय की गूंज रहेगी। लोगों शिव मंदिरों में भगवान शिव का पूजन अर्चना करेंगे।

बलौदा बाजार के भक्तों की आस्था का प्रमुख केन्द्र सोनपुरी स्थित बाबा भूतेश्वर शिव मंदिर है। जहां सावन माह में प्रत्येक दिन श्रावणी रामायण का पाठ किया जा रहा है। सोमवार के दिन मंदिर में सहस्त्रजलधारा अभिषेक, रूद्राभिषेक का भी आयोजन किया जा रहा है। सोनपुरी के साथ भक्तों द्वारा रामपुर शिव मंदिर, पलारी स्थित सिद्धेश्वर महादेव, खरौद स्थित लक्ष्मणेश्वर महादेव, ग्राम जारा जाकर भगवान शिव का पूजन किया जा रहा है। नगर के दर्जनों भक्त टोलियों सहित देवघर बोलबम, उज्जैन महाकाल, काठमांडू पशुपतिनाथ शिव मंदिरो के दर्शनों के लिए रवाना हो चुके हैं।

जिला मुख्यालय सीमा से बिलासपुर रोड पर नगर से महज 17-18 किमी दूर शिवनाथ नदी के किनारे रामपुर गांव में प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। रामपुर गांव के प्रहलाद यादव ने बताया कि 25 दिसंबर सन् 2002 को जब वे गाय चरा रहे थे, तब उन्हें जमीन पर कुछ गोल पत्थर दबा मिला था। गोल पत्थर जमीन में गड़ा हुआ था। जब प्रहलाद उसे खोदने लगे तब जाकर पता चला कि वो असल में शिवलिंग है। प्रत्येक वर्ष सावन माह में बड़ी संख्या में शिवभक्त रामपुर पहुंचकर भगवान शिव का दर्शन करते हैं।

शासन-प्रशासन को सूचना देकर गांववालों ने शिवलिंग की स्थापना की। स्थापना के बाद वहां एक शिव मंदिर भी बनाया गया है। रिकॉर्ड अनुसार नदी किनारे रामपुर का प्राचीन मंदिर है, इसकी स्थापना के बारे में गांव के बुजुर्गोंं तक को किसी प्रकार की जानकारी नहीं है। मंदिर के भीतर आज भी कई दुर्लभ प्राचीन मंदिर हैं, जो रखरखाव न होने से गंदगी का आलम है। ग्रामीणों के अनुसार मंदिर से कुछ प्रतिमाएं चोरी हो चुकी है। अरसा पूर्व मंदिर की तीन प्रतिमाओं को चोर ले गए थे जिसमें से एक प्रतिमा राजनांदगांव-महाराष्ट्र सीमापार करते समय मिली। दूसरी प्रतिमा मस्तुरी थाना क्षेत्र से पकड़ी गई थी। एक प्रतिमा आज तक नहीं मिली है। मंदिर में मौजूद कई दुर्लभ प्रतिमाओं पर चोरों की आजा भी नजर है।

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